गांवों के प्रवेश द्वार पर वंशावली व गौरव गाथा लिखें सरकार- पंचायत संघ  

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

July 2024
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
July 27, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

गांवों के प्रवेश द्वार पर वंशावली व गौरव गाथा लिखें सरकार- पंचायत संघ  

-दिल्ली के गांवों की पहचान बनाये रखने के लिए पंचायत संघ ने की दिल्ली सरकार से मांग

नईं दिल्ली/शिव कुमार यादव/- दिल्ली पंचायत संघ गांवों की पहचान बनाए रखने के लिए आंदोलन तेज करेगा।हमारी 18सूत्री मांगो में एक है। आज भारत अपनी पुरानी विरासत में लौट रहा है। दिल्ली के गांवों को भी अपनी पुरानी पहचान व विरासत मिले। गांवों ने आजादी के समय बहुत बलिदान दिया है। गांवों को पुराना गौरव मिले।जहां गांवों ने जवान व किसान दिए आज वे गांव हासिये पर क्यों।
           पंचायत संघ का कहना है कि दिल्ली के हर गांवों की पहचान बनी रहे। इसके लिए गांवों की गौरव गाथा के साथ-साथ दिल्ली गांवों के सभी दस्तावेजों कुर्सीनामा व वंशावली आदि गांव के प्रवेश द्वार पर शिलालेख या डिजिटल बोर्ड पर लगाएं सरकार।ताकि सभी गांवों के लोगों को अपनी पुरानी पहचान व रिकार्ड्स के बारे में जानकारी हो।
           पंचायत संघ का कहना कि आजादी के 75वर्ष के अमृतकाल में हम हैं। लेकिन दिल्ली का रेवेन्यू विभाग आज भी मुगल काल का रिकार्ड ले रहा है।दिल्ली के रेवेन्यू विभाग की कार्यशैली आज भी मुगल काल में कैद पड़ी है। जिसके कारण गांवों व किसानों को इसकी मार झेलनी पड़ रही हैं ।
दस्तावेजों का उर्दू व फारसी में होने से गांवों के लोगों को हमेशा संदेह रहता है कि हमारे साथ धोखा तो नहीं हो रहा है।
         पंचायत संघ प्रमुख थान सिंह यादव का  कहना है इस पर गांवों व अधिकारियों की पुराने दस्तावेजों के विशेषज्ञों की कमेटी गठित कर सभी हिन्दी में कराएं।ओर दस्तावेजों को कोई किसी भी प्रकार का नुकसान ना हो इसकी वयवस्था करें।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox