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    कोरोना वैक्सीन के टीके से मौतों का सीधा संबंध नही- एम्स

    -एम्स के चिकित्सक ने कहा वैक्सीन कोई भी लगवाई हो...डरने की जरूरत नहीं

    नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- कोरोना वैक्सीन पर एस्ट्राजेनेका के बयान पर देश में मचे बवाल पर एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर संजय राय ने कहा कि वैक्सीन कोई भी लगवाई हो लेकिन इससे डरने की जरूरत नही हैं। एम्स ने अपनी रिपोर्ट में पाया है कि हर मौत की वजह में वैक्सीन सीधी वजह नही है। उन्होने कहा कि  एस्ट्राजेनेका जो बात आज कर रही है, वही दो साल पहले मैंने कहा था। उस समय सलाह दी गई थी कि बूस्टर डोज फायदे से ज्यादा नुकसान कर सकती है।
              कोविशील्ड वैक्सीन पर उठ रहे सवालों के बीच विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना महामारी के बाद अचानक मौतें हो रही हैं। लेकिन वैक्सीनेशन हर मौत की सीधी वजह नहीं है। विशेषज्ञ मानते हैं कि देश में वैक्सीनेशन को हुए लंबा समय गुजर गया है। यदि टीकाकरण के बाद कोई साइड इफेक्ट्स दिखता, तो अभी तक देश में बड़े स्तर पर केस सामने आ चुके होते।
              वहीं एम्स ने अचानक हुई मौतों की वजह जानने के लिए जो अध्ययन किया उसमें से 50 फीसदी मौतें हार्ट अटैक से नहीं हुईं। सांस समेत दूसरी बीमारियों से इनकी मौते हुई हैं। बचे 50 फीसदी को सीधे तौर पर हार्ट अटैक आया। एम्स के विशेषज्ञों की राय है कि यदि खून में थक्का पड़ता तो सभी मौते हार्ट अटैक से होनी चाहिए थी।
              इससे पहले सोमवार को ब्रिटेन की कोर्ट में वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने पहली बार माना था कि उनकी वैक्सीन से दुर्लभ साइड इफेक्ट हो सकते हैं। इसमें कहा गया था कि इसके कारण थ्रोम्बोसइटोपेनिया सिंड्रोम हो सकता है जिससे शरीर में खून के थक्के जम सकते हैं। ऐसा होने पर पीड़ित को स्ट्रोक, हृदयगति थमने जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

    दो साल पहले भी कहा था, बुस्टर डोज की जरूरत नहींः डॉ. संजय के राय
    एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर संजय के राय का कहना है कि एस्ट्राजेनेका जो बात आज कर रही है, वही दो साल पहले मैंने कहा था। उस समय सलाह दी गई थी कि बूस्टर डोज फायदे से ज्यादा नुकसान कर सकती है। शुरुआत में जब अधिक लोग संक्रमित नहीं थे, तब लोगों में हर्ड इम्यूनिटी नहीं थी और वैक्सीन की जरूरत थी ताकि बीमारी की गंभीरता और मौत के आंकड़ों को कम किया जा सके। किसी भी वायरस से बचने के लिए नेचुरल इम्यूनिटी जरूरी होती है। रही बात वैक्सीन से धक्के जमने के बारे में तो इसके लिए शोध जरूरी है।

    अचानक मौत के पीछे नहीं दिखा कार्डियक अरेस्ट कारण
    एम्स के फारेंसिक मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर गुप्ता ने कहा कि वैक्सीन के कारण किसी की मौत हुई हो ऐसा हमें नहीं लगता। कोरोना के बाद अचानक कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के कारण हो रही मौत का कारण जानने के लिए करीब 200 शवों पर शोध किया गया। इस शोध में पाया कि करीब आधे मरीजों की मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण नहीं हुई थी। इनकी मौत के पीछे सांस की समस्या सहित दूसरे कारण मिले। जबकि अन्य 50 फीसदी मौत के पीछे कार्डियक अरेस्ट कारण पाया गया था। ऐसे में हम मान सकते हैं कि अचानक हो रही मौत के पीछे वैक्सीन का कोई रोल नहीं होगा। डॉ. गुप्ता ने कहा कि लंदन में किस आधार पर यह दावा किया जा रहा है कि वैक्सीन के कारण धक्का जम रहा है और इससे दिल का दौरा पड़ सकता है, इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता, लेकिन भारत में ऐसा कोई संकेत नहीं दिखा है।
    दिल्ली में लगी वैक्सीन
    कुल वैक्सीन ————- 37410040
    पहली खुराक ————– 18298085
    दूसरी खुराक ————— 15717675
    एहतियात खुराक ———— 3394280

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