मानसी शर्मा / – लोकसभा चुनाव 2024 की रणभेरी शनिवार (16 मार्च) को बजेगी। चुनाव आयोग (ECI) ने दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। आम चुनावों के साथ ही आयोग कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की भी घोषणा करेगा। चुनाव की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता (MCC) लागू हो जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार आचार संहिता लागू होने की घोषणा करेंगे।
आपको बता दें कि,आदर्श आचार संहिता का मतलब पार्टियों और उम्मीदवारों के लिए बनाई गई गाइडलाइंस से है। चुनाव की घोषणा से लेकर प्रक्रिया पूरी होने यानी नतीजे जारी होने तक आचार संहिता लागू रहती है। संविधान में आदर्श आचार संहिता का कोई प्रावधान नहीं है। भारत की चुनावी प्रक्रिया में आदर्श आचार संहिता को प्रसिद्ध चुनाव आयुक्त टीएन शेषन द्वारा सख्ती से लागू किया गया था। MCCके तहत कुछ नियम हैं जिनका राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को पालन करना आवश्यक है। उल्लंघन की स्थिति में चुनाव आयोग सख्त कार्रवाई करता है।
क्या है आदर्श आचार संहिता?
आदर्श आचार संहिता चुनाव आयोग द्वारा बनाए गए दिशानिर्देशों का एक संग्रह है ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए जा सकें। आदर्श आचार संहिता को आठ भागों में बांटा गया है। इसमें चुनाव प्रचार से संबंधित नियमों के साथ-साथ विज्ञापन और आचरण से संबंधित दिशानिर्देश भी शामिल हैं। MCCअपने आप में कानूनी रूप से प्रभावी नहीं है लेकिन चुनाव आयोग को इसकी शक्तियां जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मिलती हैं। आदर्श आचार संहिता का भौगोलिक दायरा संपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र है।
आदर्श आचार संहिता के मुख्य नियम
आदर्श आचार संहिता लागू होते ही सरकार पर लोकलुभावन घोषणाएं करने पर रोक लग जाती है। सरकार कोई नीतिगत निर्णय नहीं ले सकती।
जब तक MCCप्रभावी है, कोई भी नई योजना लागू नहीं की जा सकती। मंत्रियों द्वारा चुनाव कार्य के लिए सरकारी मशीनरी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है।
आदर्श आचार संहिता के दौरान सरकार किसी भी तरह का वित्तीय अनुदान, सड़क या अन्य सुविधाओं का वादा, तदर्थ नियुक्ति नहीं कर सकती।
आदर्श आचार संहिता पहले से चल रहे विकास कार्यों और योजनाओं पर रोक नहीं लगाती है। हां, इन्हें चुनावी प्रचार के तौर पर इस्तेमाल करने पर रोक जरूर है।
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