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    प्रधानमंत्री मोदी ने 30 साल पहले किया वादा निभाया, भगवान राम के चरणों में हुए दंडवत

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- राम मंदिर निर्माण कीो लेकर 30 पहले अयोध्या में किये गये अपने वादे को आज भूमि पूजन के साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरा कर दिया। उन्होने 1992 में कार सेवा के समय प्रण लिया था कि अयोध्या में वह दौबारा तब आयेंगे जब यहां राम मंदिर का निर्माण होगा और इसके लिए वह सदा प्रयासरत रहेंगे। बुधवार को अयोध्या में हुए राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के साथ ही करोड़ों श्रद्धालुओं का 500 वर्ष पुराने इंतजार के साथ-साथ पीएम मोदी का भी 30 साल का इंतजार खत्म हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी भव्य श्री राम मंदिर का शिलान्यास करने के लिए अयोध्या पहुंचे। उन्होंने रजत शिलाओं से भव्य मंदिर की आधारशिला रखी। करीब 30 वर्षों की लंबी प्रतीक्षा के बाद आज प्रधानमंत्री मोदी रामलला के दर्शन करने पहुंचे और उनके दरबार में पहुंचते ही दंडवत हो गये।
    रामलला के दर्शन करने से पहले प्रधानमंत्री मोदी हनुमानगढ़ी गए थे और वहां बजरंगबली के दर्शन कर आरती उतारी। अयोध्या के संस्कार के मुताबिक रामलला के दरबार जाने के लिए पहले हनुमानगढ़ी में अयोध्या के रक्षक के तौर पर विराजमान बजरंगबली से अनुमति लेनी पड़ती है। इसलिए प्रधानमंत्री भी पहले वहीं गए और हनुमान जी की आरती कर दक्षिणा चढ़ाई। इसके बाद अपने काफिले के साथ रामलला के दर्शन करने के लिए पहुंचे। वहां प्रधानमंत्री ने पारिजात का पौधा लगाया। उसे पानी से सींचा और फिर सीधे रामलला के दरबार में पहुंचे।
    रामलला दरबार पंहुचते ही प्रधानमंत्री ने जमीन पर सीधे लेटकर श्रीराम को दंडवत प्रणाम किया और फिर माल्यार्पण कर भोग लगाया। इसके बाद उन्होंने दान पेटी में कुछ दक्षिणा डाली और भूमि पूजन स्थल के लिए निकल पड़े।
    बता दें कि इससे पहले 1992 में जन्मभूमि आंदोलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी एक कारसेवक के रूप में अयोध्या आए थे। उसी समय उन्होंने रामलला के दर्शन किए थे। इसके बाद राम मंदिर को लेकर चल रही तमाम विघ्नों और बाधाओं के खत्म होने के बाद जब मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दे दिया, उसके बाद ही मोदी दोबारा रामलला के दरबार में आए हैं।

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