शी-मैन के नाम से जाना जायेगा नोयडा मैट्रो स्टेशन-50

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
December 31, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

शी-मैन के नाम से जाना जायेगा नोयडा मैट्रो स्टेशन-50

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नोयडा/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- नोएडा मैट्रो रेल काॅरपोरेशन ने नोएडा को ग्रेटर नोएडा से जोड़ने वाली एक्वा लाइन के मैट्रो स्टेशन-50 को ट्रासंजेंडर कम्यूनिटी को समर्पित करने का निर्णय लिया है। जिसके तहत एनएमआरसी ने नोएडा मैट्रो स्टेशन-50 को शीमैन का नाम दिया है। एनएमआरसी का दावा है कि उत्तर भारत में इस तरह की मैट्रो सिस्टम में अपने आप में पहली शुरूआत है जिसका मुख्य उद्देश्य ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी को रोजगार के अवसर पर पहचान दिलाना है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए एनएमआरसी की निदेशक ऋतु माहेश्वरी ने बताया कि यह स्टेशन पिंक स्टेशन की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है। फर्क बस इतना है कि पिंक स्टेशन पर कामकाज महिलाओं द्वारा देखा जा रहा है जबकि इस स्टेशन का काम काज ट्रासंजेंडर के हाथ में होगा। इसके लिए ग्राउंड लेवल पर एनएमआरसी ने काम शुरू कर दिया है। हालांकि अभी तक इस स्टेशन को मैट्रो ने पिंक स्टेशन बनाया हुआ है लेकिन अब नये निर्णय के अनुसार इसे शीमैन नाम देकर ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी को समर्पित किया जायेगा। उन्होने बताया कि इस स्टेशन पर महिलाओं के स्तनपान से लेकर मेकअप रूम तक की सुविधायें दी गई हैं। इस स्टेशन को 8 मार्च 2020 में शुरू किया गया था। अभी तक यहां काफी संख्या में महिला कर्मचारी मौजूद है लेकिन अब ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी के लिए विशेष सुविधाये देने पर काम शुरू हो गया है।
निदेशक के अनुसार 2011 की जनगणना में देश में करीब 4 लाख 90 हजार ट्रांसजेंडर है जिसमे से अकेले 30 से 40 हजार एनसीआर में रहते हैं। जिसे देखते हुए उन्हे रोजगार के अवसर प्रदान करने व पहचान दिलाने के लिए नोएडा मैट्रो ने यह नई शुरूआत की है। उन्होने बताया कि इसके लिए मैट्रो ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी के लोगों को काम के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षण देकर तैयार करेगी जिसके लिए विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं से बात की जा रही है ताकि उनकी चुनोतियों को कम किया जा सके और समावेशी समाज का निर्माण किया जा सके। साथ ही उनकी सुरक्षा जांच के लिए अलग से सिस्टम तैयार करने की योजना पर भी काम चल रहा है। ताकि उन्हें जांच के दौरान कोई परेशानी न हो। उन्होने कहा कि नोएडा मैट्रो ने अपना काम कर दिया है अब सिर्फ लोगों को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है।

About Post Author

आपने शायद इसे नहीं पढ़ा

Subscribe to get news in your inbox