मानसी शर्मा /- केरल में रविवार को निपाह वायरस के संक्रमण से एक 24वर्षीय युवक की मौत हो गई। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने इस युवक की मौत की पुष्टि की और बताया कि वह मलप्पुरम के एक निजी अस्पताल में भर्ती था। यह घटना केरल में निपाह वायरस के फिर से फैलने का संकेत है, जो पहले भी राज्य में प्रकोप का कारण बन चुका है।
कैसे फैलता है निपाह वायरस?
निपाह वायरस एक जूनोटिक वायरस है, जिसका मतलब है कि यह जानवरों से इंसानों में फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, निपाह वायरस की शुरुआत 1999में मलेशिया के एक गांव में हुई थी, जिसे गांव के नाम पर इसका नाम ‘निपाह’ रखा गया। यह वायरस मुख्य रूप से चमगादड़ों के माध्यम से फैलता है, लेकिन सुअर, कुत्ता, बिल्ली, घोड़ा और संभवतः भेड़ से भी फैल सकता है। इसके अलावा, यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी फैल सकता है।
केरल में निपाह वायरस का इतिहास
केरल में निपाह वायरस के प्रकोप की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं:
2018:कोझिकोड जिले में निपाह वायरस का प्रकोप।
2019: एर्नाकुलम जिले में वायरस का फैलाव।
2021: कोझिकोड और वायनाड में निपाह का प्रकोप।
2023: कोझिकोड में फिर से निपाह वायरस की वापसी।
निपाह वायरस के लक्षण और खतरे
निपाह वायरस के संक्रमण से व्यक्ति में निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
– तेज बुखार
-सिरदर्द
– सांस लेने में कठिनाई
– गले में खराश
– एटिपिकल निमोनिया
यदि संक्रमण गंभीर हो जाए, तो व्यक्ति इन्सेफेलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) का शिकार हो सकता है और 24से 48घंटे के भीतर कोमा में जा सकता है। लक्षण 5से 14दिनों में दिख सकते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह 45दिनों तक भी खिंच सकता है। निपाह वायरस को कम संक्रामक लेकिन अत्यधिक घातक माना जाता है। इसके संक्रमण की मृत्यु दर 45से 70फीसदी तक हो सकती है। संक्रमित व्यक्ति की मौत के बाद उसके परिवार के अन्य सदस्य भी संक्रमित हो सकते हैं, इसलिए अंतिम संस्कार के समय विशेष सावधानी बरतनी आवश्यक है।
निपाह वायरस से बचाव और इलाज
वर्तमान में निपाह वायरस के लिए कोई विशिष्ट दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इसलिए, सबसे प्रभावी तरीका सावधानी बरतना है। निम्नलिखित उपायों से आप निपाह वायरस से बच सकते हैं:
– चमगादड़ और सुअर के संपर्क से बचें।
– गिरे हुए फल और सीधे पेड़ से गिरे फल न खाएं।
– मास्क का उपयोग करें और हाथ नियमित रूप से धोते रहें।
– निपाह वायरस के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
इन सावधानियों का पालन करके आप निपाह वायरस के संक्रमण से खुद को बचा सकते हैं और इसके फैलने की संभावनाओं को कम कर सकते हैं।
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