नजफगढ़ मेट्रो न्यूज़/ देहरादून/ नई दिल्ली/ मनोजीत सिंह/ शिव कुमार यादव /भावना शर्मा/- रविवार को सूबे की पूर्व मंत्री अमृता रावत को कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में भर्ती किया गया।
वहीँ उनके पति कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आयी है. प्रदेश में कुल संक्रमित मरीजों का आँकड़ा 802 पहुँच गया है. आज दिन में 53 मरीज पॉजिटिव आये हैं.
गौरतलब है कि स्वास्थ्य खराब होने पर उनका बीते शनिवार को देहरादून में कोविड टेस्ट किया गया था,जहां उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी,लिहाजा उन्हें रविवार की सुबह एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। पूर्व मंत्री को अस्पताल के सी-ब्लॉक स्थित कोविड एरिया में रखा गया है, जहां चिकित्सकों की टीम उनके स्वास्थ्य पर निगरानी रखे हुए है। उधर एम्स अस्पताल में कोविड टेस्टिंग कराने वाले दो लोगों की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव पाई गई है। एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि बीते शनिवार देररात रानीपोखरी डांडी निवासी 12 वर्षीया किशोरी की रिपोर्ट कोविड पॉजिटिव पाई गई है, जिसका एक दिन पूर्व सैंपल लिया गया था। उन्होंने बताया कि इस किशोरी की मां पूर्व में कोविड पॉजिटिव आ चुकी है, जो कि दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचाराधीन है। लिहाजा उनकी पुत्री की भी सैंपलिंग करनी पड़ी जो कि पॉजिटिव पाई गई है। इसके अलावा शीशमझाड़ी, मुनिकीरेती निवासी एक 29 वर्षीय युवक की रिपोर्ट भी कोविड पॉजिटिव आई है। जिसका बीते शनिवार को एम्स की कोविड स्क्रीनिंग ओपीडी में सैंपल लिया गया था, युवक बीते दिनों दिल्ली से लौटा था व आईडीपीएल लेवर कॉलोनी में होम कोरंटीन था। इसके अलावा उत्तरकाशी से आए 1 सैंपल, नरेंद्रनगर के 2 व रुड़की से आए 2 सैंपल भी पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि कोविड पॉजिटिव मामलों से संबंधित जानकारी स्टेट सर्विलांस ऑफिसर को दे दी गई है।
यही नहीं महाराज का बेटा, बहु समेत 22 कर्मचारियों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है।रिपोर्ट सार्वजनिक होते ही राज्य में हड़कंप मच गया है क्योंकि शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में सतपाल महाराज भी शामिल हुए थे और इस बैठक में स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी शामिल थे। इतना ही नहीं महाराज ने इसके बाद पर्यटन विभाग की बैठक में भी शिरकत की थी।
अब बड़ा सवाल ये खड़ा हो गया है कि क्या महाराज के कैबिनेट सहयोगियों समेत उनसे मिलने वाले तमाम लोग भी क्वारंटाइन किए जाएंगे। प्रोटोकॉल तो यही कहता है। अगर प्रोटोकॉल का शत प्रतिशत पालन किया गया तो सरकार और शासन में बैठे उन सभी अफसरों के भी सैंपल लिए जा सकते हैं जो कैबिनेट से लेकर पर्यटन विभाग की बैठक में शामिल थे। ऐसे संकट के समय में मंत्री का पॉजिटिव आना कहीं न कहीं सरकार के काम काज को भी प्रभावित करेगा. ऐसे में उत्तराखण्ड सरकार के लिए यह विचित्र स्थित उन्पन्न हो गयी है.
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