भगवान राम सबके है और सबमें है- प्रियंका गांधी

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

October 2024
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
October 18, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

भगवान राम सबके है और सबमें है- प्रियंका गांधी

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के साथ ही कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने एक बड़ा खुलासा कर सबकों चैंका दिया। हालांकि अभी यह स्पष्ट नही हुआ है कि क्या कांग्रेस पार्टी भी उनके इस बयान से सहमत यह या फिर यह उनका निजी ब्यान है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण की आधारशीला के साथ ही 35 साल से चला आ रहा अयोध्या विवाद भी समाप्त हो गया। जब यह विवाद चला तो आज की मुख्य विपक्षी पार्टी सत्ता में थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनकी सलाहकार टीम ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के विश्व हिन्दू परिषद के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया था। जिसकारण विहिप को एक बड़ा मुद्दा मिल गया और वह इसी मौके की तलाश में थी। विश्व हिन्दू परिषद ने देश की उस दौर की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी को भगवान राम के खिलाफ प्रस्तुत कर दिया और तब की मात्र दो लोकसभा सीट वाली पार्टी को राम मन्दिर की पक्षधर के रूप में पेश कर दिया। यहीं से शुरू हुई असली लड़ाई जिसका मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के साथ ही पटाक्षेप हो गया।
राममंदिर निर्माण संविधान के दायरे में हो रहा है और उसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रेय दिया जा रहा है। मोदी ने सबको यह संदेश दे दिया है कि वैमनस्य नहीं आपसी सौहार्द से ही देश का राजकाज चलाया जाना चाहिए। उन्होंने जे एस मिल के सिद्धांत ‘अधिकतम संख्या का अधिकतम कल्याण‘ को गवर्नेंस का मॉडल बनाकर काम करने का फैसला किया है।
मंदिर निर्माण के काम में नरेंद्र मोदी को मिलने वाले समर्थनों में सबसे दिलचस्प मामला कांग्रेस का है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि भगवान राम सब में हैं और सब के हैं। ऐसे में पांच अगस्त को अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए होने जा रहा भूमि पूजन राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का कार्यक्रम बनना चाहिए। उन्होंने कबीर के राम, तुलसी के राम, रैदास के राम के साथ साथ कई महान आत्माओं के राम का जिक्र किया और एक तरह से ऐलान कर दिया कि राम मंदिर के निर्माण में कांग्रेस की तरफ से अब कोई बाधा नहीं आएगी। हालांकि उन्होंने अपने बयान में ऐसा नहीं कहा लेकिन उनकी भाषा के प्रवाह से ऐसा लगता है कि वे मोदी के राम को भी उसी श्रेणी में रख रही हैं। जिन लोगों ने 1986 से राममंदिर निर्माण के आन्दोलन को देखा है उनको मालूम है कि अगर उनके पिताजी और तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने भी शुरू में ही यही रवैया अपनाया होता तो ढांचा विध्वंस और राममंदिर निर्माण के आन्दोलन के नाम पर जितना खून बहा, वह न बहा होता।
बाबरी मस्जिद के टाइटिल के मुकदमे के मुख्य पैरोकार स्व हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी ने खुले दिल से मंदिर निर्माण के काम का समर्थन किया। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भूमिपूजन समारोह में भी शामिल हुए। उन्होंने एक टेलिविजन कार्यक्रम में कहा कि देश के मुसलमान मंदिर निर्माण के अभियान का समर्थन करते हैं। यह उनका अति उत्साह में दिया गया बयान है, क्योंकि मुस्लिम नेता असदुद्दीन ओवैसी और पीस पार्टी के डॉ अयूब उनकी बात से सहमत नहीं होंगे। डॉ अयूब ने तो अखबार में विज्ञापन छपवा कर देश में निजाम-ए-मुस्तफा का संकल्प लिया है। इसका मतलब यह है कि उनकी पार्टी देश में संविधान को खारिज करके एक नया इस्लामी निजाम लाने की बात कर रही है जबकि रामजन्मभूमि मंदिर का निर्माण पूरी तरह से संविधान के दायरे में रहकर हो रहा है।
यहां बता दें कि यह संयोग ही है कि जिस दिन से राममंदिर निर्माण की शुरुआत हुई ठीक एक साल पहले पांच अगस्त 2019 के दिन जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया था। यह भगवा खेमे के एजेंडे में बहुत पहले से था। जनसंघ के कानपुर अधिवेशन में 1952 में इस आशय का प्रस्ताव भी पास किया गया था। मोदी ने कश्मीर से 370 तो हटा ही दिया, वहां पर पाकिस्तानी शह पर हिंसा करने वालों पर भी नकेल कसी। सबसे बड़ी बात यह हुई कि देश में कहीं कोई हिंसा नहीं हुई बल्कि खुशी ही जाहिर की गयी।
देश में पिछले कई दशकों से अशांति की जड़ बनी समस्याओं को सुलझाकर नरेंद्र मोदी ने निश्चित ही कुशल राजनीति का परिचय दिया है। इसके लिए उनके विरोधियों के बीच भी उनका सम्मान बढ़ा है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox