आदतन ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर सख्ती, लाइसेंस जब्ती और वाहन सीज के निर्देश

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
December 21, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

-सड़क सुरक्षा माह को लेकर मुख्यमंत्री का बड़ा फैसला

लखनऊ/उमा सक्सेना/-    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जताते हुए यातायात नियमों के सख्त पालन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि केवल चालान काटना दुर्घटनाओं को रोकने का स्थायी समाधान नहीं है। जो लोग बार-बार यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे आदतन उल्लंघनकर्ताओं के ड्राइविंग लाइसेंस जब्त करने और वाहन सीज करने के लिए स्पष्ट नियमावली तैयार कर उसे सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।

1 से 31 जनवरी 2026 तक चलेगा प्रदेशव्यापी सड़क सुरक्षा माह
मुख्यमंत्री ने 1 जनवरी से 31 जनवरी 2026 तक पूरे प्रदेश में सड़क सुरक्षा माह आयोजित करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि नए साल की शुरुआत केवल औपचारिक कार्यक्रमों से नहीं, बल्कि सड़क सुरक्षा जैसे संवेदनशील विषय पर ठोस संकल्प के साथ होनी चाहिए। उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि यह अभियान महज औपचारिकता न बने, बल्कि इसे जन आंदोलन का रूप दिया जाए।

4-ई मॉडल के तहत होगा अभियान का संचालन
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सड़क सुरक्षा माह को 4-ई मॉडल के आधार पर संचालित किया जाए। इसमें शिक्षा, प्रवर्तन, इंजीनियरिंग और इमरजेंसी केयर पर विशेष फोकस रहेगा। शिक्षा के जरिए बच्चों, युवाओं और आम लोगों में सुरक्षित सड़क व्यवहार विकसित किया जाएगा। प्रवर्तन के तहत नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा। इंजीनियरिंग के माध्यम से ब्लैक स्पॉट और खतरनाक मार्गों को सुधारा जाएगा, जबकि इमरजेंसी केयर के तहत त्वरित एम्बुलेंस सेवा और बेहतर ट्रॉमा सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।

दुर्घटनाओं के आंकड़ों ने बढ़ाई चिंता
बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि वर्ष 2025 में नवंबर तक प्रदेश में 46,223 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज हुई हैं, जिनमें 24,776 लोगों की मौत हुई। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीर स्थिति बताते हुए निर्देश दिए कि जनवरी के पहले सप्ताह में तहसील, ब्लॉक, जिला और सभी प्रमुख मुख्यालयों पर सड़क सुरक्षा से जुड़ी जागरूकता सामग्री अनिवार्य रूप से लगाई जाए। इसके साथ ही एनएसएस, एनसीसी, आपदा मित्र, स्काउट-गाइड और सिविल डिफेंस जैसे संगठनों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

सड़कों की खामियां भी हादसों की बड़ी वजह
मुख्यमंत्री ने कहा कि खराब साइनेज, अव्यवस्थित कट, अंधे मोड़, गलत स्पीड ब्रेकर और सड़क इंजीनियरिंग की कमियां दुर्घटनाओं को बढ़ाती हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग समेत संबंधित एजेंसियों को समयबद्ध तरीके से सुधार कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही केवल टेबल-टॉप स्पीड ब्रेकर बनाने और सभी सड़कों का नियमित रोड सेफ्टी ऑडिट कराने पर जोर दिया। एम्बुलेंस सेवाओं और स्कूल वाहनों की फिटनेस जांच को भी अनिवार्य बताया गया।

ज्यादा हादसों वाले जिलों पर विशेष फोकस
मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं के मामले में शीर्ष पर रहने वाले जिलों हरदोई, प्रयागराज, आगरा और कानपुर के जिलाधिकारियों से संवाद कर विशेष कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने हाइवे और एक्सप्रेसवे किनारे लंबे समय तक खड़े वाहनों, डग्गामार बसों और ट्रकों को गंभीर दुर्घटनाओं का कारण बताते हुए इनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सख्ती और जागरूकता के संयुक्त प्रयास से ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है।

About Post Author

आपने शायद इसे नहीं पढ़ा

Subscribe to get news in your inbox