नई दिल्ली/उमा सक्सेना/- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इथियोपिया दौरे का दूसरा दिन भारत-इथियोपिया संबंधों के लिहाज से बेहद अहम रहा। अदीस अबाबा पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने सबसे पहले अदवा विजय स्मारक पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने इथियोपिया की संयुक्त संसद को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने इथियोपिया की प्राचीन सभ्यता, संघर्षपूर्ण इतिहास और आधुनिक विकास की खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा कि इथियोपिया दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है, जहां इतिहास सिर्फ किताबों में नहीं बल्कि लोगों के दिलों और जीवन में भी दिखाई देता है।
निशान-ए-इथियोपिया सम्मान के लिए जताया आभार
संसद को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली द्वारा दिए गए सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान-ए-इथियोपिया’ के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान सिर्फ उनका नहीं बल्कि भारत और भारतवासियों का सम्मान है। पीएम मोदी ने इथियोपिया सरकार और वहां की जनता का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह सम्मान दोनों देशों के बीच मजबूत दोस्ती और भरोसे का प्रतीक है।
भारत-इथियोपिया संबंध अब कूटनीतिक साझेदारी के स्तर पर
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में भारत और इथियोपिया के द्विपक्षीय रिश्तों को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने अपने संबंधों को अब कूटनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि भारतीय कंपनियों ने इथियोपिया में अब तक 5 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिला है। पीएम मोदी ने कहा कि व्यापार, खनन, हरित ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में दोनों देश मिलकर और भी व्यापक सहयोग करेंगे।
तकनीक, डिजिटल इंडिया और साझा अनुभवों की बात
इथियोपियाई संसद में पीएम मोदी ने भारत की डिजिटल क्रांति का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आज भारत में तकनीक के जरिए भुगतान, पहचान और सरकारी सेवाएं आम नागरिक तक पहुंच चुकी हैं। रियल टाइम डिजिटल पेमेंट में भारत की वैश्विक हिस्सेदारी करीब आधी है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए बिना भ्रष्टाचार के लाभ सीधे लोगों के खातों तक पहुंच रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपने इन अनुभवों और तकनीकी विशेषज्ञता को इथियोपिया के साथ साझा करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
पीपल टू पीपल कनेक्ट पर दिया जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और इथियोपिया के बीच लोगों के आपसी रिश्तों को भी खास बताया। उन्होंने कहा कि हजारों भारतीय शिक्षक इथियोपिया के अलग-अलग शहरों में बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं और स्थानीय लोगों के दिलों में खास जगह बना चुके हैं। वहीं इथियोपिया के छात्र भी भारत आकर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और अपने देश के भविष्य निर्माण का सपना देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की संस्कृति और भोजन भी लोगों को एक-दूसरे से जोड़ते हैं।
‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के संदेश पर जोर
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने भारत की प्राचीन सोच ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि राजनीति, सीमाओं और मतभेदों से ऊपर उठकर अगर हम एक साथ खड़े होते हैं, तो हमारा भविष्य भी साझा होता है। भारत और इथियोपिया न सिर्फ जलवायु में समानता रखते हैं, बल्कि रिश्तों में भी एक जैसी गर्मजोशी साझा करते हैं।
अदवा विजय स्मारक पर श्रद्धांजलि
इससे पहले पीएम मोदी ने अदवा विजय स्मारक पर जाकर फूल अर्पित किए। यह स्मारक 1896 में हुई अदवा की ऐतिहासिक लड़ाई में इथियोपियाई सेना की वीरता और स्वतंत्रता की जीत का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने इसे स्वतंत्रता, साहस और आत्मसम्मान का प्रतीक बताते हुए भारत और इथियोपिया के ऐतिहासिक रिश्तों को और मजबूत करने की बात कही।
इथियोपियाई प्रधानमंत्री के साथ बैनक्वेट डिनर
अपने दौरे के दौरान पीएम मोदी ने इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली के साथ बैनक्वेट डिनर में भी हिस्सा लिया। इस अवसर को उन्होंने भावनात्मक और ऐतिहासिक बताया, खासकर ऐसे समय में जब भारत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहा है। पीएम मोदी ने इस मौके को भारत और इथियोपिया के सांस्कृतिक और भावनात्मक रिश्तों की मजबूती का प्रतीक बताया।


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