वाराणसी/उमा सक्सेना/- काशी हिंदू विश्वविद्यालय के साइंस फैकल्टी के सेमिनार हॉल में नई सुबह इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड बिहेवियरल साइंसेज की ओर से आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार/सतत पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सेमिनार का मुख्य विषय “बाल विकास का मनोविज्ञान” रखा गया, जिसके तहत देशभर से आए विशेषज्ञ, मनोवैज्ञानिक और शोधकर्ता बाल विकास, मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेप और पुनर्वास के क्षेत्र पर अपने शोध एवं अनुभव साझा कर रहे हैं।
बाल विकास में मनोवैज्ञानिकों की भूमिका महत्वपूर्ण: आलोक अग्निहोत्री
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए अपर जिला जज एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वाराणसी, श्री आलोक अग्निहोत्री ने कहा कि बच्चों के सही पालन-पोषण और मानसिक विकास के लिए मनोवैज्ञानिकों का सतत प्रशिक्षण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस तीन दिवसीय मंथन से जो निष्कर्ष सामने आएंगे, वे समाज और अभिभावकों के लिए एक महत्त्वपूर्ण मार्गदर्शिका साबित होंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि आज के समय में बच्चों में मनोवैज्ञानिक जटिलताएँ तेज़ी से बढ़ रही हैं, ऐसे में मनोवैज्ञानिकों का व्यवस्थित प्रशिक्षण और शोध आधारित कार्य अत्यधिक जरूरी है।

सतत पुनर्वास शिक्षा से बढ़ेगी प्रोफेशनल क्षमता
केंद्रीय कारागार वाराणसी के अधीक्षक श्री राधा कृष्ण मिश्रा ने कहा कि सतत पुनर्वास शिक्षा सेवा प्रदाताओं की क्षमता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इससे प्रोफेशनल्स अधिक दक्षता के साथ समाज को सेवाएँ प्रदान कर सकते हैं।
नई सुबह संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष और वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. अजय तिवारी ने संस्थान की 20 वर्षों से पुनर्वास परिषद के साथ मिलकर किए जा रहे प्रशिक्षण कार्यों का विस्तार से उल्लेख किया।
विशेषज्ञों ने प्रस्तुत किए मनोवैज्ञानिक सिद्धांत
सेमिनार में विभिन्न विशेषज्ञों ने बच्चों के मनोवैज्ञानिक, संज्ञानात्मक और सामाजिक विकास पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किए।
* डॉ. मनोज तिवारी – मनोलैंगिक विकास सिद्धांत
* डॉ. ज्योत्सना सिंह – इरिक्सन का मनोसामाजिक सिद्धांत
* शालू यादव – प्रीनेटल डेवलपमेंट
* अमरेश कुमार – बोल्बी का अटैचमेंट सिद्धांत
* डॉ. जी. सी. के. परेरा – पियाजे का संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत
इस दौरान डॉ. मनोज तिवारी की पुस्तक “मानव वृद्धि एवं विकास” और सेमिनार सोवेनियर का विमोचन भी किया गया।
400 से अधिक विशेषज्ञों की सहभागिता
देशभर से आए 400 से अधिक क्लीनिकल मनोवैज्ञानी, पुनर्वास विशेषज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता और विशेष शिक्षकों ने इस सेमिनार में भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन पारुल मिश्रा और रलिका तिवारी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अजय तिवारी ने दिया।
इस अवसर पर संस्थान की कोषाध्यक्ष सुनीता तिवारी, उपनिदेशक अनुराग तिवारी, डॉ. अमित तिवारी, राजीव सिंह, गौरव चक्रवर्ती, अर्पित मिश्रा सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।


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