नई दिल्ली/उमा सक्सेना/- अमेरिका में पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश कर रही एक 23 वर्षीय भारतीय छात्रा राज्यलक्ष्मी यार्लागड्डा (उर्फ राजी) की अचानक मौत ने भारतीय समुदाय को स्तब्ध कर दिया है। आंध्र प्रदेश के बापटल जिले की रहने वाली यह छात्रा हाल ही में टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी, कॉर्पस क्रिस्टी (Texas A&M University – Corpus Christi) से स्नातक की उपाधि हासिल कर चुकी थी।
तेज खांसी और सीने में दर्द से परेशान थी छात्रा
परिवार और मित्रों के अनुसार, राजी कुछ दिनों से तेज खांसी और सीने में दर्द की शिकायत कर रही थीं।
7 नवंबर की सुबह जब उनका अलार्म बजा, तो वे नहीं उठीं। परिजनों और दोस्तों ने जब दरवाजा तोड़ा, तो पाया कि उनकी मृत्यु हो चुकी थी।
अमेरिकी अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है और शव का पोस्टमार्टम (medical examination) कराया जा रहा है ताकि मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके।
टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी से की थी पढ़ाई
राजी ने हाल ही में स्नातक की पढ़ाई (Graduation) पूरी की थी और अपने करियर की शुरुआत करने की तैयारी में थीं।
उनका सपना था कि वे एक अच्छी नौकरी पाकर अपने परिवार का आर्थिक सहारा बनें और खेती-किसानी में मदद करें।
वे बेहद मेहनती और प्रतिभाशाली छात्रा मानी जाती थीं, जिन्होंने अपने कॉलेज में कई उपलब्धियां हासिल की थीं।
परिवार और दोस्तों में गहरा शोक, गोफंडमी अभियान शुरू
राजी की मौत की खबर मिलते ही उनके परिवार और दोस्तों में गहरा सदमा और मातम फैल गया।
उनके चचेरे भाई चैतन्य वाईवीके ने टेक्सास के डेंटन शहर से एक GoFundMe अभियान शुरू किया है ताकि राजी का पार्थिव शरीर भारत लाया जा सके और परिवार को आर्थिक सहायता मिल सके।
इस अभियान के माध्यम से 1,25,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 1 करोड़ रुपये) जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।
यह राशि उनके अंतिम संस्कार, शिक्षा ऋण (Student Loan) और परिवार की सहायता के लिए उपयोग की जाएगी।
‘खेती पर निर्भर है परिवार’ — आर्थिक रूप से सीमित पृष्ठभूमि से थीं राजी
चैतन्य ने बताया कि,
“राजी बहुत होनहार और उम्मीदों से भरी हुई लड़की थी। उसका सपना था कि वह नौकरी करके अपने माता-पिता की खेती में मदद करे।”
राजी का परिवार आंध्र प्रदेश के बापटल जिले के करमचेडु गांव का रहने वाला है। परिवार की आजीविका पूरी तरह से खेती और पशुपालन पर निर्भर है।
अचानक हुई इस घटना ने न केवल परिवार बल्कि पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है।
भारतीय समुदाय ने जताया शोक
अमेरिका और भारत दोनों जगहों पर भारतीय समुदाय ने राजी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थनाएं की हैं।
सोशल मीडिया पर भी लोग उनकी मेहनत, संघर्ष और आकांक्षाओं को याद कर भावुक संदेश साझा कर रहे हैं।
विदेश में पढ़ाई कर रहे कई भारतीय छात्रों ने इसे एक “चेतावनी भरा क्षण” बताया कि स्वास्थ्य की अनदेखी कभी नहीं करनी चाहिए।
जांच जारी — पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलेगा राज़
स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम और टॉक्सिकोलॉजी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
फिलहाल मामले में किसी फाउल प्ले (संदिग्ध कारण) की बात सामने नहीं आई है।
भारत में अंतिम संस्कार की तैयारी
राजी के पार्थिव शरीर को भारत लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
भारतीय दूतावास (Indian Embassy) और स्थानीय भारतीय संगठन इस प्रक्रिया में परिवार की मदद कर रहे हैं।
परिजन उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले कुछ दिनों में उनका अंतिम संस्कार आंध्र प्रदेश के करमचेडु गांव में किया जाएगा।
एक अधूरा सपना — जो अब कभी पूरा नहीं होगा
राजी की कहानी उन हजारों भारतीय छात्रों की तरह है जो बेहतर भविष्य की तलाश में विदेश जाते हैं।
उनकी असमय मृत्यु ने सबको यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सफलता की दौड़ में स्वास्थ्य की अनदेखी कितनी घातक हो सकती है।


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