नई दिल्ली/द्वारका/उमा सक्सेना/- द्वारका जिले की साइबर पुलिस टीम ने एक हाई-टेक ठग को गिरफ्तार कर ₹1.10 करोड़ के साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश किया है। आरोपी ने लिंक्डइन जैसे प्रोफेशनल नेटवर्क के जरिए पीड़िता और उसके परिवार को फर्जी नौकरी, निवेश और फ्लैट स्कीम के नाम पर ठग लिया था। पुलिस ने आरोपी को गोवा से गिरफ्तार किया है।
फर्जी कंपनी बनाकर दिया नौकरी का झांसा
शिकायतकर्ता दिक्षा कनोजिया ने बताया कि फरवरी 2024 में कुनाल सतीश हेलकर नामक व्यक्ति ने लिंक्डइन पर उनसे संपर्क किया और खुद को “विजया डिजिटल कॉरपोरेशन” का सीईओ बताते हुए ₹45,000 वेतन वाली डिजिटल एसोसिएट न्यूज़ एडिटर की नौकरी का ऑफर दिया।
धीरे-धीरे उसने कई फर्जी कंपनियां — प्लानर मीडिया ग्रुप, स्पीक कम्युनिटी नेटवर्क और विजया डिजिटल कॉरपोरेशन बनाई और खुद को यूनेस्को इंडिया से जुड़ा बताने लगा।
कुनाल ने नकली ऑफर लेटर, फर्जी रसीदें, और बनावटी वेबसाइटों के जरिए विश्वास जीतकर पीड़िता और उसके परिवार से गैजेट खरीद, फ्लैट अलॉटमेंट, और इंटर्नशिप फीस जैसे बहानों से लगभग ₹1.10 करोड़ ठग लिए।
डिजिटल हेराफेरी और झूठे दस्तावेज़ों से रचा गया पूरा खेल
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी बेहद चालाकी से फर्जी ईमेल आईडी, वेबसाइट और दस्तावेज़ तैयार करता था। वह प्रतिष्ठित संस्थाओं जैसे यूनेस्को और डीडीए (DDA) के नाम का इस्तेमाल कर लोगों का भरोसा जीतता था।
आरोपी न सिर्फ ऑनलाइन बातचीत करता था बल्कि पीड़िता के घर भी आता-जाता था। यहां तक कि उसने CCTV कैमरे लगवाकर पीड़िता के परिवार की गतिविधियों पर नज़र रखी।
साइबर पुलिस की सटीक तकनीकी जांच से हुआ पर्दाफाश
साइबर पुलिस थाना द्वारका की टीम ने मोबाइल डेटा, ईमेल, बैंक ट्रांजेक्शन और डिजिटल फुटप्रिंट का बारीकी से विश्लेषण किया।
टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर पुलिस ने आरोपी का लोकेशन गोवा में ट्रेस किया। वहां टीम ने छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया और फर्जी दस्तावेज़, मोबाइल फोन और बैंक चेक बरामद किए।
पूछताछ में आरोपी ने अपराध स्वीकार किया और माना कि उसने ₹1 करोड़ से अधिक की ठगी की है।
आरोपी का प्रोफाइल
नाम: कुनाल सतीश हेलकर
उम्र: 24 वर्ष
पता: सतारा, पुणे (महाराष्ट्र)
पेशा: खुद को “सीईओ” बताकर Planner Media Group, Vijaya Digital Corporation और Speak Community Network के नाम से फर्जी कंपनियां चलाता था।
बरामदगी
02 मोबाइल फोन, जो अपराध में उपयोग किए गए।
फर्जी कंपनी दस्तावेज़, ऑफर लेटर और नियुक्ति पत्र।
नकली DDA अलॉटमेंट ईमेल और फर्जी रसीदें।
कई बैंक चेक और वित्तीय दस्तावेज़।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और जांच जारी
आरोपी को गोवा से ट्रांज़िट रिमांड लेकर दिल्ली लाया गया है। पुलिस अब ठगे गए पैसों की मनी ट्रेल खंगाल रही है और आरोपी के साथ जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है।
साथ ही, उसकी डिजिटल डिवाइस और क्लाउड स्टोरेज से और सबूत जुटाए जा रहे हैं।
लिंक्डइन जैसे नेटवर्क पर बढ़ती साइबर ठगी को लेकर चेतावनी
यह मामला बताता है कि साइबर अपराधी अब प्रोफेशनल नेटवर्क्स और ऑनलाइन जॉब पोर्टल्स का दुरुपयोग कर रहे हैं।
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी ऑनलाइन जॉब ऑफर या निवेश स्कीम की वास्तविकता जांचे बिना अपनी निजी या बैंक जानकारी साझा न करें।
पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
यह कार्रवाई डीसीपी द्वारका, अंकित सिंह (IPS) के निर्देशन में, एसीपी राम अवतार की देखरेख और इंस्पेक्टर राजीव कुमार (SHO/साइबर थाना द्वारका) के नेतृत्व में की गई।
टीम में एसआई विकास सांगवान, एसआई सोनम कपूर, एएसआई अजय पासवान, एचसी सुनील, एचसी अभय और कांस्टेबल नरेश शामिल थे।


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