मानसी शर्मा /- उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कचहरी से संदहा रोड के चौड़ीकरण के दौरान पुलिस लाइन से कचहरी तक 13 मकानों को ध्वस्त किया गया। इन मकानों में पूर्व ओलंपियन और पद्मश्री हॉकी खिलाड़ी स्वर्गीय मोहम्मद शाहिद का घर भी शामिल था। प्रशासन ने यह कदम सड़क चौड़ी करने के उद्देश्य से उठाया। शाहिद के परिवार ने कार्रवाई रोकने की मांग की, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली।
बुजुर्ग ने मांगी मोहलत
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में देखा गया कि एक बुजुर्ग मुस्लिम परिवार का सदस्य पुलिसकर्मी से कह रहे हैं, “मिश्रा जी, मैं आपके पैर पकड़ रहा हूं, बस आज की मोहलत दे दीजिए, कल हटाएंगे।” इस वीडियो को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी साझा किया।
शाहिद के परिवार का विरोध
मोहम्मद शाहिद के परिवार ने प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध किया। उनकी भाभी नाजनीन ने कहा कि उन्होंने कोई मुआवजा नहीं लिया और उनके पास दूसरा घर नहीं है। शाहिद के मामा के बेटे मुश्ताक ने आरोप लगाया कि उनके घर में शादी का कार्यक्रम है और उनके पास कहीं और जमीन नहीं है। उन्होंने इसे प्रशासनिक गुंडागर्दी करार दिया और कहा कि पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं की गई।
प्रशासन का पक्ष
वाराणसी के एडीएम सिटी आलोक वर्मा ने कहा कि जिन लोगों को मुआवजा मिल चुका है, उन्हें हटाने की कार्रवाई की जा रही है। बुलडोजर से तोड़ने में थोड़ी बहुत टूट-फूट हो सकती है, लेकिन किसी हिस्से को अनावश्यक रूप से नहीं तोड़ा जा रहा।


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