नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- युनिवर्सिटी स्कूल ऑफ बेसिक एंड अनुप्रयुक्त विज्ञान, आई पी विश्वविद्यालय, द्वारा आयोजित वर्तमान परिदृश्य में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका पर तीन दिवसीय वेबिनार के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर वी रामगोपाल राव ने बताया कि आईआईटी दिल्ली देश में कोविड-19 से बचाव में रोगियों के लिए अत्यधिक आवश्यक तथा कम लागत वाले वेंटिलेटर के विकास के करीब पंहुच गया है।
प्रोफेसर राव ने आगे बताया कि हम रात के खाने वाले कंप्यूटर पर काम कर रहे हैं। प्रोफेसर राव ने कहा, हम पी. पी. एस., मुखों पर मुखौटे बनाकर तथा कम सेनिटाइजर डिस्पेंसर, एलिसा आधारित पहचान और उपचार को स्पर्श करके इस संकट को सुअवसर में बदलने की कोशिश कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी के उपकुलपति प्रो. महेश वर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि किस प्रकार एक नये जीवन के लिए वैज्ञानिक सिद्धांतों पर आधारित एक नये जीवन को अपनाकर दुनिया को अपनी वैज्ञानिक सीमाओं का विस्तार करने की आवश्यकता है।
प्रोफेसर डी. के. अशवाल महानिदेशक सीएसआईआर-एन. पी. एल. आर. ने इस अवसर पर प्रमुख भाषण देते हुए कहा कि हमें मापन में परिशुद्धता और सटीकता के महत्व को समझना चाहिए और आत्मनिर्भर बनने की हमारी प्रधानमंत्री की पहल को जारी रखने में, विभिन्न अनुसंधान प्रयोगशालाओं और समूहों को कैसे मदद मिलेगी इस पर सोचना चाहिए। वही डीन -यूएसबीएएस प्रोफेसर श्रुति अग्रवाल ने इस बात पर बल दिया कि यह समय तब पहले से कहीं अधिक है जब हमें संपर्क करना होगा। बड़े पैमाने पर, सभी उपलब्ध जानकारी को सभी स्तरों पर वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से जल्दी से साझा करने की जरूरत है।
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