चोरनियों के एक गैंग का दिल्ली पुलिस ने किया पर्दाफाश…हर तरह के बैग खोलने में माहिर

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
November 21, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

चोरनियों के एक गैंग का दिल्ली पुलिस ने किया पर्दाफाश…हर तरह के बैग खोलने में माहिर

मानसी शर्मा / –  दिल्ली पुलिस ने हाल ही में चोरनियों के एक गैंग का खुलासा किया है। जिसकी सदस्य महिलाएं अच्छी खासी रईस हैं। इनकी चोरी का तरीका ऐसा कि पुलिस के बड़े-बड़े अफसर भी सोच में पड़ गए हैं। चोरी की रकम छिपाने की ऐसी तरकीब कि तलाशने में पसीने तक निकल जाएं। इनके बच्चे भी ऐसे जो चोरी में बड़े-बड़ों को फेल कर दें। दिल्ली पुलिस जब इस गैंग की तलाश में मध्यप्रदेश के एक गांव में पहुंची तो पता चला कि इन चोरों को खोजने वालों में वो अकेले नहीं है बल्कि कुछ और राज्यों की पुलिस भी इनकी तलाश में इस गांव का कोना-कोना खंगाल रही है। फिलहाल दिल्ली पुलिस इन गैंग के बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी है।

ऐसे हुआ खुलासा

दिल्ली पुलिस ने गोमती और नरगिस नाम की दो महिलाओं को पकड़ा। जब सख्ती से इनसे पूछताछ हुई तो इस गैग की जो कहानी सामने आई है। उसे सुन कर सबके होश उड़ गए हैं। 52 साल की गोमती और 40 साल की नरगिस मध्य प्रदेश के राजगढ़ गांव में रहती है। वो महीने में दो बार बस पकड़कर दिल्ली आती है। इसके बाद उनके निशाने पर होते हैं, साउथ दिल्ली के बैंक और एटीएम। यहां से दोनों उन लोगों को अपना निशाना बनाती जो बैंक से मोटी रकम का लेन-देन करते। इनमें से एक का काम रुपयों के मालिक का ध्यान भटकना होता था और दूसरी उस दौरान रकम उड़ा लेती थी। ये दोनों महिलाएं पुलिस के शिकंजे में उस वक्त आईं जब 27 मार्च को मालवीय नगर के एक शख्स ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उसने अपनी शिकायत में बताया कि वह बैंक से 2.50 लाख रुपए लेकर निकला और उसके बैग से किसी ने वह सारे रुपए चुरा लिए। पुलिस ने छानबीन की तो महिलाओं का पता चला। इसके बाद 1 अप्रैल को पुलिस ने प्रेस एंक्लेव रोड से इन महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया, चोरी की गई रकम से 2.10 लाख रुपए भी पुलिस ने बरामद कर लिए हैं।

पता नहीं कितना बड़ा है ये गैंग

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ये महिलाएं चोरी करने के बाद बस से ही अपने गांव लौटतीं और एक दम नॉर्मल लोगों की तरह ही रहने लगती। ये सामान्य कपड़े पहनकर ही आती थीं ताकि देखने में गांव की भोली-भाली महिलाएं लगे। कभी-कभी यह अपने साथ बच्चों को भी लातीं ताकि किसी को उनपर शक न हो। पुलिस के अनुसार यह गैंग एक गांव जितना बड़ा हो सकता है, जिसमें हजारों की संख्या में महिलाएं हो सकती हैं।  क्योंकि पकड़ी गई महिलाओं ने खुलासा किया है कि इनका गैंग दूसरी महिलाओं को तलाशता रहता है और फिर उन्हें चोरी के लिए ट्रेंड करता है।  उन्हें भी नहीं मालूम कि अभी कितने सदस्य हैं। फिलहाल उनकी निशानदेही पर ही कुछ जानकारी पुलिस ने इकट्‌ठा की है और जानकारी के अनुसार मिले नामों के तहत ही अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।

हर तरह के बैग खोलने में माहिर हैं ये महिलाएं

गैंग में बच्चे भी शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल शादी के सीजन में चोरी के लिए किया जाता है। उन्हें मेहमानों की भीड़ के बीच से रुपयों और गहनों पर हाथ साफ करने के गुर सिखाए जाते हैं। गैंग की महिलाएं हर तरह के बैग को खोलने में माहिर हैं। पूछताछ में जो सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात सामने आई, वो है बैग की जिप खोलने की कला। ये महिलाएं केवल नाखून से चंद सेकंड के भीतर किसी भी बैग की जिप खोल सकती हैं। पुलिस अधिकारियों ने जब चेक करने के लिए इन्हें कुछ बैग दिए, तो इन्होंने चुटकियों में उन्हें खोल दिया। अपने खाली समय में वो अलग-अलग तरह के बैग खोलने की प्रैक्टिस भी करती हैं।

चोरी की रकम ऐसे लगाती ठिकाने

अगर ये महिलाएं कभी पकड़ी भी जातीं, तो भोली बनने का नाटक करतीं। कभी-कभी अपने बच्चों को भी ढाल बनाकर आगे कर देतीं। लेकिन इन सब बातों से अलग इस गैंग की जो सबसे बड़ी खासियत है, वो है चोरी की रकम को ठिकाने लगाना। पुलिस इंस्पेक्टर धीरज महलावत ने बताया कि चोरी किए गए कैश को तलाशना सबसे मुश्किल काम था। ये लोग उस रकम को गांव पहुंचकर जमीन, घर या कोई दुकान खरीदने में लगा देते थे।

इनके लिए यह एक बिजनेस

गैंग के सदस्यों को इस बात की भी ट्रेनिंग दी गई थी कि अगर वो पकड़े जाते हैं, तो पुलिस को बाकी लोगों के बारे में नहीं बताएंगे। पुलिस ने बताया कि ये चोरों का एक ऐसा गैंग है, जिसके मेंबर काफी रईस हैं। इनके लिए ये सब एक बिजनेस जैसा है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox