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    युवा “समाजोन्मुखी कैरियर“ को जीवन-उद्देश्य में शामिल करें- दीदेवार

    -आरजेएस पीबीएच के 205वें कार्यक्रम में ढींगरा, गोखले, परमहंस और चैतन्य को आरजेएसिएन्स ने दी श्रद्धांजलि. -पटेलनगर, नई दिल्ली पहुंचकर आरजेएशिएन्स ने गुजरात यात्रा टीम को दी शुभकामनाएं

    नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- रविवासरीय फिजिकल व वर्चुअल 205वें कार्यक्रम में आरजेएस पीबीएच-दीदेवार व्याख्यान माला के अंतर्गत मुख्य अतिथि आध्यात्मिक गुरु सुरजीत सिंह दीदेवार द्वारा नई दिल्ली में कैरियर व जीवन-उद्देश्य पर किया गया। इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों और संतों मदन लाल ढींगरा, गोपाल कृष्ण गोखले, रामकृष्ण परमहंस और चैतन्य महाप्रभु को आरजेएशिएन्स ने श्रद्धांजलि दी
             उदय कुमार मन्ना, संस्थापक और राष्ट्रीय समन्वयक, आरजेएस पीबीएच- आरजेएस पॉजिटिव मीडिया ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि आरजेएस पीबीएच सकारात्मक भारत-उदय आंदोलन की बैठकें, अतीत का सम्मान और युवाओं का मार्गदर्शन कर रही हैं। इसके साथ ही प्रदेशों की श्रृंखलाबद्ध यात्राएं और लाइब्रेरीज को आरजेएस पीबीएच का ग्रंथ भेंट करना, पॉजिटिव मीडिया डायलॉग करना जन-जन को प्ररित कर रही हैं। इसी क्रम में 18 फरवरी को गुजरात यात्रा की शुभकामनाएं देने आरजेएशिएन्स नई दिल्ली स्थित पटेल नगर मेट्रो स्टेशन के नजदीक पहुंचे और सड़क पर वंदेमातरम् -जयहिंद जयभारत -सकारात्मक भारत रोड शो भी किया।
             बैठक की शुरुआत दीदेवार जीवन ज्योति हॉल में आयोजित 205 वीं बैठक में मुख्य अतिथि सुरजीत सिंह दीदेवार जी ने बताया कि कई दशक पहले ’कैरियर’ शब्द अब की तरह प्रचलन में नहीं था, और जीवन सरल और आत्म-संतुष्ट था। आजादी के बाद यह आवश्यक था कि स्वास्थ्य, पानी, सड़क, बिजली, शैक्षणिक सुविधाएं प्रदान की जाएं और सरकार में करियर बनाना युवाओं के लिए उद्देश्य बन गया था, जो निरंतर जारी है।  हालाँकि, सरकारी नौकरियाँ तब भी सीमित थीं और आज भी हैं लेकिन निजी नौकरियाँ कई क्षेत्रों में असीमित हैं। करियर और जीवन के उद्देश्य में अंतर है। करियर रोजमर्रा की जिंदगी जीने की जरूरतों को पूरा करने का एक साधन है, लेकिन इसका मतलब सामाजिक कल्याण में योगदान देना भी है। पिता को अपने बच्चों का दोस्त बनकर मार्गदर्शन करना चाहिए और उन्हें ऐसा करियर अपनाने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए जिसमें उनकी रुचि न हो। साथ ही युवाओं को महान उद्देश्यों के आदर्शों को जीवन में अपनाना चाहिए। जब किसी को किसी क्षेत्र, जैसे वैज्ञानिक अनुसंधान, या संगीत या खेल के प्रति जुनून होता है, तो इसकी साधना ही साध्य बन जाता है।
               इस अवसर पर फिजिकल व वर्चुअल बैठक में नंद किशोर, डा.मुन्नी कुमारी ,सुदीप साहू, इसहाक खान, कुलदीप राय, ब्रजकिशोर, अंजना, सतेन्द्र त्यागी, प्रताप श्रीवास्तव और किशनलाल के प्रश्नों का दीदेवर जी द्वारा संतोषजनक उत्तर दिया गया। बैठक में उपस्थित सभी ट्रू आरजेएशिएन्स‌ को पुस्तकें भेंट की गई। ऑनलाइन जुड़े अधिकतर आरजेएशिएन्स को 13 फरवरी 2024 को मारवाह स्टूडियो, नोएडा में आयोजित कार्यक्रम में ये ग्रंथ प्रदान किया गया था।आरजेएस पीबीएच पुस्तक, अमृतकाल का साकारात्मक भारत ग्रंथ 2 सतेंद्र त्यागी की मेरठ निवासी सुपुत्री प्रीति त्यागी के लिए भी भेंट की गई। कार्यक्रम का समापन सत्येंद्र त्यागी के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। यह नोट किया गया कि आरजेएस पीबीएच मीडिया द्वारा नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला को स्वैच्छिक समर्थन दिया गया। आरजेएस पीबीएच एंकर आकांक्षा ने 17.02.2024 को नई दिल्ली पुस्तक मेला में पूर्व महानिदेशक, आईआईएमसी, नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक प्रोफेसर डा.संजय द्विवेदी और कवयित्री और उपन्यासकार सुश्री वंदना यादव के पुस्तक-विमोचन को भी कवर किया। आरजेएशिएन्स टीम की 24.02.2024 से शुरू होने वाली 10 दिवसीय गुजरात यात्रा के लिए बधाईयों व शुभकामनाएँ देने की शुरुआत हो गई है।

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