इजराइली विदेश मंत्री का दावा, 7 मुस्लिम देश देंगे इजराइल को मान्यता

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इजराइली विदेश मंत्री का दावा, 7 मुस्लिम देश देंगे इजराइल को मान्यता

-इजराइली फॉरेन मिनिस्टर बोले- सऊदी अरब से बातचीत जारी,

तेल अवीव/शिव कुमार यादव/- इजराइल को जल्द ही 7 मुस्लिम देश मान्यता देने वाले है। यह दावा इजराइल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने किया है। उनका कहना है कि सऊदी अरब से डिप्लोमैटिक रिलेशन बहाल होने के बाद कम से कम सात मुस्लिम देश इजराइल को मान्यता देंगे। यह एक नए तरह की पीस डील होगी। इजराइली अखबार ‘यरूशलम पोस्ट’ से बातचीत में कोहेन ने माना कि सऊदी अरब और इजराइल के बीच बातचीत जारी है और कुछ चीजें ऐसी हैं, जिन्हें इस वक्त बताया नहीं जा सकता।
          कोहेन का यह बयान कई लिहाज से अहम है, क्योंकि पिछले हफ्ते सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने फॉक्स न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में साफ तौर पर माना था कि इजराइल से बातचीत अंजाम के काफी करीब है।

सऊदी से रिश्ते सुधरे तो सब ठीक हो जाएगा
पिछले दिनों इजराइल के प्राइम मिनिस्टर बेंजामिन नेतन्याहू ने यूएन जनरल असेंबली में भाषण दिया था और इस दौरान उन्होंने मिडिल ईस्ट में पीस एग्रीमेंट का खासतौर पर जिक्र किया था। इसके पहले एमबीएस का बयान आया था और अब एली कोहेन का बयान पर्दे के पीछे चल रही डिप्लोमैसी की तरफ साफ इशारा है। हालांकि, अमेरिका ने अब तक नए डेवलपमेंट्स पर कुछ नहीं कहा है।
           इजराइली फॉरेन मिनिस्टर के मुताबिक-सऊदी अरब के साथ अमन का मतलब है कि पूरे मुस्लिम वर्ल्ड के साथ अमन बहाली और बेहतर रिश्ते हो जाना। लिहाजा, अगर सऊदी और इजराइल के बीच अमन बहाली होती है तो यह पूरे मुस्लिम वर्ल्ड के साथ बेहतर रिश्तों की दिशा में सबसे अहम कदम होगा और इसका फायदा पूरी दुनिया को होगा।
           कोहेने ने कहा- अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन मिडिल ईस्ट के हालात को पूरी तरह बदलना चाहते हैं। अमेरिका में यह इलेक्शन ईयर भी है। खुद नेतन्याहू भी इस तरफ इशारा कर चुके हैं। दरअसल, फिलिस्तीन के मसले पर सऊदी अरब अब तक इजराइल का सबसे बड़ा विरोधी रहा है। न्।म्, बहरीन और मोरक्को जैसे देश कई साल पहले ही अब्राहम अकॉर्ड के जरिए इजराइल से डिप्लोमैटिक और ट्रेड रिलेशन शुरू कर चुके हैं।

क्या चाहता है अमेरिका
दो महीने पहले अमेरिका ने पहली बार खुलकर कहा था कि वो इजराइल और सऊदी अरब में नॉर्मल रिलेशनशिप चाहता है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था- अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी के लिए बहुत जरूरी है कि इजराइल और सऊदी अरब के बीच नॉर्मल रिलेशन हों। अमेरिका को इससे काफी फायदा है। इस टारगेट को हासिल करने में कुछ वक्त और लग सकता है।
        ब्लिंकन के इस बयान के वर्ल्ड डिप्लोमैसी में बेहद अहम मायने हैं। इजराइल सरकार ने हाल ही में माना था कि सऊदी से बैकडोर डिप्लोमैसी के तहत बातचीत जारी है और अमेरिका मीडिएटर का रोल प्ले कर रहा है।
        अमेरिकी फॉरेन सेक्रेटरी ने भरोसा दिलाया था कि इस प्रोसेस में फिलिस्तीन के मुद्दों और हितों को ध्यान में रखा जाएगा। तब इजराइल-सऊदी मामलों के एक्सपर्ट सलाम सेजवानी ने कहा था- सितंबर 2020 में अमेरिका ने अब्राहम अकॉर्ड कराया था। ये बहुत बड़ी कामयाबी थी। सितंबर 2020 में अमेरिका ने अब्राहम अकॉर्ड कराया था। उस वक्त डोनाल्ड ट्रम्प प्रेसिडेंट थे। यूएई और बहरीन समेत चार अरब देशों ने इजराइल को मान्यता दी थी।

ट्रम्प की कामयाबी थी अब्राहम अकॉर्ड
अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने भरोसा दिलाया था कि इजराइल और सऊदी के डिप्लोमैटिक रिलेशन शुरू कराने के प्रोसेस में फिलिस्तीन के मुद्दों और हितों को ध्यान में रखा जाएगा। इजराइल-सऊदी मामलों के एक्सपर्ट सलाम सेजवानी ने कहा- सितंबर 2020 में अमेरिका ने अब्राहम अकॉर्ड कराया था। ये बहुत बड़ी कामयाबी थी।
        अमेरिका चाहता है कि आई2यू2 ग्रुप में सऊदी अरब भी शामिल हो। फिलहाल, इस ग्रुप में यूएस, यूएई, इजराइल और इंडिया हैं। इन्हीं देशों के नाम का पहला अल्फाबेट लेकर ग्रुप का नाम बना है।
         पिछले दिनों इजराइल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने कहा था- बहुत मुमकिन है कि 6 महीने में इजराइल और सऊदी अरब के डिप्लोमैटिक रिलेशन बहाल हो जाएं। पिछले हफ्ते खबर आई कि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में दो बार सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से बातचीत की है।

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