तीरथ सिंह रावत बने उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्रीन, ली पद व गोपनीयता की शपथ

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
November 22, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

तीरथ सिंह रावत बने उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्रीन, ली पद व गोपनीयता की शपथ

-किसी करिश्में से कम नही है तीरथ सिंह रावत का मुख्यमंत्री बनना

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/देहरादून/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में तीरथ सिंह रावत ने बुधवार शाम चार बजे शपथ ग्रहण कर ली। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राजभवन में उन्हें पद व गोपनियता की शपथ दिलाई। राज्य के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के घर पहुंचने पर उनकी पत्नी रश्मि त्यागी रावत ने उन्हें गुलाब का फूल भी भेंट किया। पत्नी डॉ. रश्मि त्यागी रावत ने तीरथ सिंह रावत की आरती उतारी। इस दौरान तीरथ सिंह के घर पर कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ मौजूद रही। उन्होंने तीरथ सिंह रावत को तिलक भी लगाया। तीरथ सिंह रावत के राज्य के दसवें मुख्यमंत्री बनते ही देहरादून से लेकर पौड़ी तक जश्न का माहौल दिखा। भाजपा की विधानमंडल दल की बैठक बुधवार को प्रदेश पार्टी कार्यालय में हुई। बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद के लिए नए चेहरे का नाम तय किया गया। तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे। तीरथ सिंह रावत गढ़वाल के सांसद हैं। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इनका नाम प्रस्तावित किया है।
तीरथ सिंह रावत को सीएम बनाया जाना भी कम चैंकाने वाला नहीं है। दिलचस्प बात है कि 2017 में सतपाल महाराज को उनकी जगह पर टिकट दे दिया गया था और तब उनके निराश होने की भी खबरें थीं। हालांकि पार्टी के मजबूत सिपाही कहे जाने वाले तीरथ सिंह रावत ने इसे चुपचाप स्वीकार कर लिया था और 2019 में पार्टी ने पौड़ी-गढ़वाल लोकसभा सीट से उन्हें टिकट दिया था। उस वक्त दिग्गज नेता और पूर्व सीएम भुवन चंद्र खंडूरी का टिकट काटकर उन्हें मौका दिया गया था। इसके बाद अब जबकि रमेश पोखरियाल निशंक और धन सिंह रावत जैसे दिग्गजों के नाम आगे चल रहे थे, तब तीरथ सिंह रावत को सीएम बनाने का फैसला ले लिया गया। खुद तीरथ सिंह रावत ने इस बारे में सोचा भी नहीं था। अपने नाम के ऐलान के बाद भी उन्होंने कहा कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि मुझे इतनी अहम जिम्मेदारी मिलेगी। बता दें कि 2017 में पार्टी पर आरोप लगे थे कि उसने अपने जमीनी नेताओं को नजरअंदाज कर कांग्रेस से आए दलबदलुओं को मौका दिया है। तब पार्टी ने ओम गोपाल रावत, आशा नौटियाल, शैलेंद्र सिंह रावत, सुरेश चंद जैन जैसे दिग्गजों को नजरअंदाज कर कांग्रेस से आए नेताओं को मौका दिया गया था। ऐसे में अब तीरथ सिंह रावत का सीएम बनना किसी करिश्मे से कम नहीं है।
सूबे के पहले शिक्षा मंत्री भी रहे हैं तीरथरू तीरथ सिंह रावत वर्ष 2000 में नवगठित उत्तराखंड के पहले शिक्षा मंत्री चुने गए थे। इसके बाद 2007 में भाजपा उत्तराखंड के प्रदेश महामंत्री चुने गए। 2013 उत्तराखंड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे। वर्ष 2012 में चैबटाखाल विधानसभा से विधायक निर्वाचित होकर तीरथ सिंह रावत 2013 में उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बने पौड़ी सीट से भाजपा के उम्मीदवार के अतिरिक्त 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था।
पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह का नेतृत्व हमेशा चैंकाने वाले फैसले लेने के लिए जाना जाता रहा है। 2017 में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में बहुमत के बाद जब रमेश पोखरियाल निशंक, भुवन चंद्र खंडूरी और भगत सिंह कोश्यारी जैसे दिग्गजों के नाम आगे चल रहे थे तो पार्टी ने आरएसएस के खांटी नेता रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत को सीएम के लिए चुना था। त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल के 4 साल पूरे होने में ठीक 9 दिन बाकी थे कि उनका इस्तीफा ले लिया गया। भले ही त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ असंतोष की चर्चाएं नहीं थीं, लेकिन अंदरखाने गुटबाजी और मतभेद की खबरों के बाद लीडरशिप ने यह फैसला लिया। इसके बाद अब तीरथ सिंह रावत को कमान दी गई है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox