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    June 8, 2025

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    4 साल में यमुना को साफ करने की तैयारी क्या पूरा कर पाएगी भाजपा चुनावी वादा

    प्रियंका सिंह /- दिल्ली में यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार की गई है। इस बार के दिल्ली चुनाव में यमुना की सफाई एक प्रमुख मुद्दा था, और भाजपा ने इसे लेकर बड़ा वादा किया था। अब, जनता के समर्थन के बाद, इस पर जमीनी स्तर पर काम शुरू हो चुका है।

    यमुना सफाई अभियान की रणनीति
    कचरा और गंदगी हटाना:

    सबसे पहले यमुना में जमा कचरा और गंदगी को हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
    नजफगढ़ नाले और अन्य सप्लीमेंट्री नालों की सफाई पर जोर दिया जाएगा।
    जल शुद्धिकरण और सीवेज उपचार:

    यमुना में गिरने वाले सीवेज की लगातार निगरानी होगी।
    नए सीवेज उपचार संयंत्र (STP) बनाए जाएंगे, जिससे गंदे पानी का शुद्धिकरण हो सके।
    यमुना जल को साफ करने के लिए बड़े-बड़े ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जा रहे हैं।
    प्रमुख सरकारी एजेंसियों की भूमिका:

    दिल्ली जल बोर्ड (DJB) – जल प्रबंधन और सीवेज ट्रीटमेंट।
    सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग – जल निकासी और प्रदूषण नियंत्रण।
    दिल्ली नगर निगम (MCD) – कचरा प्रबंधन और सफाई।
    पर्यावरण विभाग – प्रदूषण निगरानी और पर्यावरण सुरक्षा।
    लोक निर्माण विभाग (PWD) – यमुना किनारे के बुनियादी ढांचे का विकास।
    दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) – यमुना किनारों के सौंदर्यीकरण और हरियाली बढ़ाने का कार्य।
    वी.के. सक्सेना की सक्रिय भागीदारी:

    दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
    उनकी चीफ सेक्रेटरी के साथ हुई बैठक के बाद नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं।
    इस अभियान में मल्टी एजेंसी मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया गया है।
    क्या 4 साल में यमुना साफ हो पाएगी?
    भाजपा सरकार ने 4 वर्षों में यमुना को साफ करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन दिल्ली में जल प्रदूषण और सीवेज प्रबंधन की पुरानी समस्याओं को देखते हुए यह एक बड़ी चुनौती होगी। यदि सभी एजेंसियां प्रभावी ढंग से काम करें और योजनाओं को सही ढंग से लागू किया जाए, तो यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। हालांकि, निरंतर निगरानी और सख्त क्रियान्वयन जरूरी होगा।

    निष्कर्ष
    यमुना की सफाई को लेकर सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं, जिनमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, कचरा निपटान और जल निगरानी शामिल हैं। अब देखना यह होगा कि भाजपा अपने वादे को समय पर पूरा कर पाती है या नहीं।

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