नई दिल्ली/– आम आदमी पार्टी बुधवार को इंडिया नंबर-1 कैंपेन लांच करेगी। इस मुहिम के तहत 130 करोड़ लोगों को साथ लेकर भारत को दुनिया का नंबर वन देश बनाने का संकल्प लिया जाएगा। इसकी शुरुआत आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल अपने जन्म स्थान हरियाणा के हिसार से करेंगे।
अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि देश के सभी लोग मिलकर भारत को दुनिया का नंबर वन देश बनाएंगे। केजरीवाल ने एलान किया है कि इस मुहिम से हर देशवासी को जोड़ने के लिए पूरे देश की यात्रा करेंगे। लोगों से मिलेंगे और लोगों को इस आंदोलन से जोड़ने की कोशिश करेंगे। बुधवार से इस अभियान की शुरूआत होगी।
मिस्ड कॉल नंबर (9510001000) जारी कर केजरीवाल ने इस कैंपेन से जुड़ने की अपील देशवासियों से की। केजरीवाल ने कहा कि भारत को दुनिया का नंबर-1 देश बनाने के लिए सबसे पहले हमें अपने बच्चों को शानदार व फ्री शिक्षा देनी होगी और पूरे देश के स्कूलों को शानदार बनाना होगा। यह काम 75 साल पहले शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन अच्छी बात ये है कि अब यह शुरू हो गया है।
प्रधानमंत्री सभी राज्य सरकार से मिलकर योजना तैयार करेंः केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने एलान किया है कि देश के 14500 सरकारी स्कूलों को मॉर्डन बनाया जाएगा, लेकिन इतने से क्या होगा? देश भर में 10.50 लाख सरकारी स्कूल हैं। अगर हम एक साल में महज 14500 स्कूलों को अच्छा करेंगे तो 10.50 लाख स्कूलों को अच्छा करने में 70-80 साल लग जाएंगे। इसलिए प्रधानमंत्री से अपील है कि सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर योजना तैयार करे ताकि अगले 5 साल में देश के सभी 10.50 लाख सरकारी स्कूलों को एक साथ मॉर्डन बनाने का लक्ष्य हासिल किया जा सकें।
देश के 130 करोड़ लोग एक साथ मिल जाएं तो नंबर-1 बनने से कोई नहीं रोक सकता
अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस वार्ता में कहा कि कुछ दिन पहले हमने एक कैंपेन मेक इंडिया नंबर-1 चालू किया था। देश के 130 करोड़ लोगों का सपना है कि भारत दुनिया का नंबर वन देश बने। लोगों का प्रश्न है कि हमें आजाद हुए 75 साल हो गए, फिर भी भारत पिछड़ा क्यों रह गया? इस दौरान कितने देश हमसे आगे निकल गए। आज जब दुनिया में कहा जाता है कि भारत एक गरीब और पिछड़ा देश है, तो बहुत तकलीफ होती है। पिछले 75 साल में इन्हीं नेताओं और इन्हीं पार्टियों की वजह से भारत पिछड़ा रह गया। अगर देश को इनके भरोसे छोड़ दिया, तो अगले 75 साल और भारत पिछड़ा ही रह जाएगा।
आजादी के साथ ही हमें सबसे पहले सरकारी स्कूल बनाने चाहिए थे…
नंबर वन बनने के लिए आवश्यक शर्त यह है कि शानदार और फर्स्ट क्लास की शिक्षा सभी को मिले। जैसे अमीरों के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा मिलती है, वैसी ही शिक्षा इस देश के हर बच्चे को मिलनी चाहिए। 1947 में हम आजाद हुए। कई क्षेत्रों में तरक्की तो किया। लेकिन एक बड़ी गलती रह गई, सरकारी स्कूल ठीक नहीं हुए। पूरा देश आज शिक्षित होता और सारे बच्चों को अच्छी शिक्षा मिली होती। सब को मिलकर अगले पांच साल में देश के 10.50 लाख सरकारी स्कूलों को एक साथ ठीक करना है।
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