नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- सोमवार को वैश्विक बाजारों में आई गिरावट का असर भारतीय घरेलू शेयर बाजार पर भी स्पष्ट रूप से देखने को मिला। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार ने निराशाजनक शुरुआत की, जहां सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में भारी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स में 1133 अंकों से अधिक की गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों को लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
ग्लोबल बाजार की स्थिति
भारतीय शेयर बाजार में आई इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण वैश्विक बाजारों से मिले नकारात्मक संकेत हैं। चीन और जापान के शेयर बाजारों में तेज गिरावट देखने को मिली, जिसका सीधा असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा। दोपहर 1:30 बजे के आसपास, सेंसेक्स 84,437.88 के स्तर पर कारोबार कर रहा था, वहीं निफ्टी में भी 324 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।
सेंसेक्स और निफ्टी का प्रदर्शन
सेंसेक्स ने अपने पिछले बंद स्तर 85,571 के मुकाबले 85,208 पर कारोबार शुरू किया, लेकिन इसके बाद यह तेजी से गिरकर 84,824.86 के स्तर तक आ गया। निफ्टी भी 26,178.95 के पिछले बंद स्तर से गिरकर 26,061 पर खुला और 211.75 अंकों की गिरावट के साथ 25,967.20 पर पहुंच गया।
गिरावट के प्रमुख कारण
भारतीय शेयर बाजार में आई इस भारी गिरावट के संकेत पहले से ही मिल रहे थे। जापान के बाजार में तेज गिरावट देखने को मिली, जिसमें निक्केई इंडेक्स 1850 अंकों की कमी के साथ 4.64% नीचे आ गया। इसी तरह, चीन का शंघाई कंपोजिट भी 4.89% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था। कोरिया का कोस्पी इंडेक्स मामूली गिरावट पर था। इन वैश्विक बाजारों की गिरावट ने भारतीय बाजार को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित किया।
टॉप गेनर और लूजर स्टॉक्स
सोमवार के शुरुआती कारोबार में, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी 50 में हिंडाल्को, एनटीपीसी, जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील और ब्रिटानिया जैसे स्टॉक्स टॉप गेनर के रूप में उभरे। इसके विपरीत, हीरो मोटोकॉर्प, टेक महिंद्रा, कोल इंडिया, महिंद्रा एंड महिंद्रा और आईसीआईसीआई बैंक निफ्टी 50 के टॉप लूजर के रूप में सामने आए।
निवेशकों के लिए सतर्कता आवश्यक
सोमवार का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए काफी चुनौतीपूर्ण साबित हुआ। वैश्विक बाजारों की स्थिति और नकारात्मक संकेतों को ध्यान में रखते हुए, निवेशकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। ऐसे समय में निवेशकों को अपने फैसलों में सावधानी बरतनी चाहिए और बाजार के भविष्य के रुझानों पर नज़र रखनी चाहिए।
भारतीय शेयर बाजार की यह स्थिति वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ी है, और निवेशकों को इस अस्थिरता के समय सही दिशा में कदम उठाने की सलाह दी जाती है।
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