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    लोक संसद की 4 जून की यमुना बचाओं मानव श्रृंखला होगी ऐतिहासिक

    -अविरल व स्वच्छ यमुना अभियान को मिल रहा अपार जनसमर्थन

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/डेस्क न्यूज/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली के अस्तित्व को बचाने के लिए यमुना का आज अविरल व स्वच्छ होना बहुत जरूरी है। इसी को लेकर लोक संसद संस्था यमुना को पुनर्जीवित करने लिए एक ऐसा अभियान चला रही है जिसकी गूंज ने दिल्ली की राजनीति के साथ-साथ केंद्र की राजनीति को भी हिला दिया है। इस अभियान को मिल रहे अपार जनसमर्थन ने तो दिल्ली सरकार को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कैसे वह अपनी साख बचाये। यही नही अब तो केंद्र सरकार भी यमुना को लेकर बड़ा प्रोजक्ट बनाने में जुट गई है। तो दोस्तो अभी तो अभियान की शुरूआत ही हुई है और अभी से इसके परिणाम भी दिखने लगे है। लेकिन लोक संसद संस्था के सदस्यों की माने तो उनका मकसद सिर्फ यमुना को अविरल व स्वच्छ देखना है न कि कोई राजनीति करना है। संस्था के अध्यक्ष रवि शंकर तिवारी ने लोगों से इस अभियान से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि लोक संसद की 4 जून की यमुना मानव श्रृंखला अपने आप में ऐतिहासिक होगी और लाखों लोग यमुना तीरे मानव श्रृंखला बनाकर केंद्र व राज्य सरकारों को चेतने का कड़ा संदेश देंगे।

    आईये एक ऐतिहासिक घटना के माध्यम से हम समझाते है कि एक नदी का बचना क्यों जरूरी है-

    नदी का सूख जाना
    मुगल शासक अकबर ने बड़े मन से फतेहपुर सीकरी को बसाया था। शहर की दरो दीवार अपने बादशाह के सपने की गवाह बनी। वास्तुकला बेमिसाल थी इसकी। अकबर की सोच का रिफलेक्शन था शहर पर। सब-कुछ पूरी तरह सुनियोजित था। 1571 में यह मुगल साम्राज्य की राजधानी भी बना, लेकिन 15 साल बाद 1585 में अकबर को फिर अपनी राजधानी वापस लानी पड़ी।
                    यह ऐतिहासिक तथ्य है कि अपने सपनों के शहर को अकबर को इसलिए छोड़ना पड़ा कि वहां जबरदस्त जल संकट था। छोटी सी जो नदी वहां से गुजरती थी, वह सूख गई थी।


                    यह सिर्फ एक उदाहरण है। अपने देश में ऐसी दर्जनों बसावटें बेपानी होने से उजाड़ हुई हैं। सरस्वती नदी के सूख जाने से हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान व गुजरात के कई सारे शहर बर्बाद हो गए थे। भरी-पूरी संस्कृति का सूख गई, सरस्वती के मिट जाने से. पुरातात्विक तथ्य इसकी तस्दीक भी करते हैं।

    दिल्ली के उपराज्यपाल से मिले लोक संसद के कार्यकर्ता
    अभी दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात हुई। एलजी महोदय ने यमुना को पुनर्जीवित करने के अपने प्रयासों की जानकारी दी और यह भी बताया कि इसका असर अगले छह महीने में दिखने लगेगा।
                    इस दौरान उन्होंने यमुना संसद की कार्ययोजना को भी संजीदगी से समझा और दिल्ली के समाज की तरफ से होने वाली इस पहल को जरूरी बताया। एलजी महोदय ने कई उपयोगी सुझाव भी दिए।

    देव संस्कृति विश्वविद्यालय के वी. सी. डॉ. चिन्मय पांड्या जी से मुलाकात हुई। यमुना संसद की पूरी कार्य योजना को उन्होंने संजीदगी से समझा, आखिर में इस अभियान को बेहद जरुरी बताया और अखिल विश्व गायत्री परिवार का पूरा समर्थन दिया।

    अभी संगीत के सोपोर घराने के हस्ताक्षर अभय रुस्तुम सोपोरी जी से मुलाकात हुई। बातचीत बेहतरीन रही। मजे की बात यह कि इनके दिवंगत पिता भजन सोपोरी जी की दिली इच्छा यमुना जी पर काम करने की थी। उन्होंने अपने स्तर पर किया भी।
                       तभी उन्होंने यमुना संसद के सांस्कृतिक पक्ष का जिम्मा खुद अपने ऊपर ले लिया। वह यमुना संसद का थीम सॉग भी बनाएंगे और कल्चरल इविनिंग भी यमुना जी पर करेंगे। जल्द ही वह इसकी कार्ययोजना हम लोगों से साझा करेंगे।

    विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर चिकित्सक मित्रों के साथ यमुना और यमुना पर निर्भर दिल्ली की सेहत पर फलदायी चर्चा हुई। यमुना भक्त अशोक उपाध्याय जी और कपिल सिंगल जी का भी सानिध्य मिला।

    यमुना जी हम सबको समर्थ करें.
    वक्त आ गया है कि हम अपने व अपने बच्चों के लिए अविरल, निर्मल और स्वच्छ यमुना की बात करें।
    सुनते हैं, सीआईएसएफ के डिप्टी कमांडेंट और मोटिवेशनल स्पीकर राकेश निखज जी को, और चलते हैं उनके साथ 4 जून, सुबह 6ः30 बजे यमुना जी के किनारे।

    दिल्ली विश्वविद्यालय के वी.सी. प्रो. योगेश सिंह से मुलाकात हुई। बातचीत बेहद सार्थक और उत्साहवर्धक रही। वी.सी. महोदय ने यमुना संसद की कार्य योजना को भी संजीदगी से समझा और दिल्ली के समाज की तरफ से होने वाली इस पहल को जरूरी बताया। कई उपयोगी सुझाव देने के साथ वीसी महोदय ने विश्वविद्यालय की तरफ से हर संभव सहयोग का भरोसा भी दिया।

    आओ, देखो, समझो और कुछ करो, ताकि यमुना जी दिल्ली की लाइफलाइन बनी रहे…
    आओ सुनते हैं वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट डॉ. फैय्याज खुदसर को. और चलते हैं उनके साथ 4 जून, सुबह 6ः30 बजे यमुना जी के किनारे।

    दिल्ली की कल कल बहती यमुना आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है…
    आइए सुनिए, जल जन जोड़ो अभियान के संयोजक संजय सिंह को, चलिए उनके साथ 4 जून को सुबह 6ः30 बजे यमुना जी के पास।

    यमुना नहीं बची, तो हम भी नहीं बचेंगे.
    सुनिए, युवा हल्ला बोल के संस्थापक अनुपम जी को. और चलिए उनके साथ 4 जून, सुबह 6ः30 बजे, यमुना का दर्शन करने।

    जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने यमुना संसद को समर्थन दिया…

    दिल्ली वालों में दिख रहा गजब का उत्साह
    अभी जनपथ मार्केट में अभी भाई हयात व बंटी से मुलाकात हुई। अनायास ही, कोई तयशुदा प्रयोजन नहीं था। यमुना प्रणाम में ही गजब का उत्साह दिखा उनमें। ब्रोशर मांगा और खुद ही बाजार में बांटने लगें पलक झपकते मजमा लग गया, यमुना जी के लिए. इसी तरह का उत्साह पूरी दिल्ली में दिख रहा हैं।

    लोक संसद इस समय यमुना जी को साफ-सुथरा बनाने में समाज की भागीदारी तय करने के लिए मुहिम चला रही है…
    इसके लिए पूरे दिल्ली-एनसीआर को जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में पर्यावरण दिवस से एक दिन पहले 4 जून सुबह 6ः30 बजे यमुना जी के किनारे मानव श्रृंखला बनाई जाएगी ताकि हम दिल्ली के लोग यमुना जी को नजदीक से देख सकें।

    हकीकत में, यमुना जी सबको बुला रही हैं. आप भी जुड़ें……

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