तिरुवनंतपुरम/शिव कुमार यादव/- केरल कांग्रेस के नेताओं पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला नेता सिमी रोजबेल जॉन अब पार्टी में नहीं हैं। क्यांकि उन्होने कांग्रेस में चल रहे व्याभिचार पर उंगली उठाई थी तो उन्हें कांग्रेस में कास्टिंग काउट कल्चर का आरोप लगाने के बाद पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। यह मुद्दा तब और भी गंभीर हो गया जब लड़की है लड़ सकती है का नारा देने वाली स्वयं प्रियंका गांधी ने लड़की लड़ी पर उसका साथ नही दिया। एक्सपर्ट मानते हैं यह कांग्रेस के लिए गंभीर मुद्दा है और इसमें प्रियंका गांधी जैसे नेताओं को चुप रहने के बजाय हस्तक्षेप करना चाहिए।
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की तरह कांग्रेस में कास्टिंग काउच का आरोप लगाने के बाद केरल कांग्रेस की नेता सिमी रोज़बेल जॉन को पार्टी से निकाल दिया गया है। केरल कांग्रेस की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि अनुशासन तोड़ने के कारण सिमी रोजबेल की प्राथमिक सदस्यता रद्द कर दी गई है। सिमी पर विरोधी दलों के इशारे पर पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं की छवि खराब करने का आरोप भी लगाया। एक टीवी चैनल से बातचीत में सिमी रोज़बेल ने बयान दिया था कि कांग्रेस में भी कास्टिंग काउच कल्चर है। यहां टैलेंट काम नहीं आता है और पार्टी के अंदर आगे बढ़ने के लिए पुरुषों को इम्प्रेस करने के लिए समझौते करने पड़ते हैं। एरनाकुलम की रहने वाली पूर्व कांग्रेस नेता सिमी रोजबेल ने विपक्ष के नेता वीडी सतीशन पर भी यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।
जिसने गंभीर मुद्दा उठाया, उसे ही किया कांग्रेस से बाहर
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में जस्टिस हेमा कमिटी की रिपोर्ट से खलबली मची है। अब कास्टिंग काउच और मीटू (डमम जवव) मूवमेंट की एंट्री केरल के पॉलिटिक्स में हो गई है। कांग्रेस से निष्कासित की गईं सिमी रोजवेल ने दावा किया था कि उनके पास ऐसे कई सबूत हैं जो सही समय पर सामने आएंगे। केरल कांग्रेस ने उनके टीवी इंटरव्यू के 24 घंटे के भीतर उनके खिलाफ एक्शन ले लिया। इस एक दिन में ही महिला कांग्रेस ने सिमी के खिलाफ शिकायत दे दी। केपीसीसी अध्यक्ष के सुधाकरम ने भी आनन-फानन में उनकी प्राथमिक सदस्यता खत्म कर दी और उनके खिलाफ ही जांच बैठा दी। कार्रवाई के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सिमी रोज़बेल जॉन के आरोप निराधार हैं और केपीसीसी महिला कांग्रेस की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत की जांच करेगी।
केरल कांग्रेस में कास्टिंग काउच पर प्रियंका गांधी चुप क्यों?
राजनीति में कई राजनेताओं पर महिलाओं के शोषण के आरोप पहले भी लग चुके हैं, मगर किसी पार्टी के वर्किंग कल्चर पर पहली बार गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। इस मामले में कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व खामोश है। कास्टिंग काउच पर ’लड़की हूं लड़ सकती हूं’ वाली प्रियंका गांधी भी चुप हैं। कम से कम प्रियंका को इतना तो कहना चाहिए कि जांच से पहले नहीं हटा सकते हैं। प्रियंका वायनाड से उपचुनाव भी लड़ने वाली हैं, इसलिए उनकी प्रतिक्रिया अहम है। बीजेपी नेताओं ने इसके लिए प्रियंका गांधी की आलोचना की है। बीजेपी हमेशा से यह आरोप लगाती रही है कि प्रियंका गांधी कांग्रेस शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर खामोश रहती हैं। महिला सुरक्षा का मुद्दा वह सिर्फ बीजेपी या विपक्ष के शासन वाले राज्यों में उठाती हैं।
खरगे ने भी नहीं दी प्रतिक्रिया, केरल कांग्रेस ने लिया फैसला
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से भी इन आरोपों की जांच के संकेत नहीं मिले हैं। केरल कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि मॉलीवुड के कास्टिंग काउच में सीपीएम के कई नेताओं के नाम सामने आए हैं, जिससे वामपंथी पार्टी की काफी किरकरी हुई। अब ऐसे आरोप में उलझने के बाद सिमी रोजबेल को सीपीएम ने नया हथियार बनाया है। कांग्रेस नेता के आरोप गंभीर हैं, वह पार्टी में बड़े पदों पर रह चुकी हैं। उनके आरोप को सिर्फ आशंकाओं के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता है। जिन नेताओं के नाम सिमी रोजबेल ने बेबाक अंदाज में खुले मंच से लिए हैं, उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
केरल में ’पावरफुल’ हैं महिलाएं मगर छोड़ना पड़ा कांग्रेस
केरल भारत का ऐसा राज्य है, जहां महिलाएं सामाजिक और राजनीतिक तौर से दूसरे राज्यों की अपेक्षा अधिक सशक्त मानी जाती हैं। राज्य में महिलाओं की आबादी भी पुरुषों से अधिक है और किसी भी पार्टी की जीत-हार में निर्णायक भूमिका निभाती हैं। 2011 की जनगणना के मुताबिक, केरल में महिलाओं की आबादी का प्रतिशत 52 है, जबकि राज्य में महिला साक्षरता दर 92.07 फीसदी है। केरल की कुल साक्षरता दर 94 प्रतिशत है। महिलाओं की ताकत का परिणाम है कि कास्टिंग काउच की रिपोर्ट आने के बाद ताकतवर माने जाने वाली मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज घुटनों पर आ गए। क्या अब कांग्रेस की बारी है?
कई महिला नेताओं का कांग्रेस में अपमान, लिस्ट में बड़ी नेता भी
सिमी रोजबेल जॉन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस में आवाज उठाने वाली महिलाओं को पार्टी से निष्कासित होना पड़ा है। अपने निष्कासन पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस में स्वाभिमानी महिलाएं काम नहीं कर पाएंगी। उन्होंने कहा कि महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रह चुकीं लतिका सुभाष को भी अपना दर्द साझा करने के लिए पार्टी से निकाल दिया गया। दिग्गज नेता के. करुणाकरण की बेटी पद्मजा वेणुगोपाल को भी अपमानित किया गया और पार्टी छोड़ने पर विवश किया गया।
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