उत्तर प्रदेश/- यूपी में भाजपा ने 2024 लोकसभा चुनावों को जीतने के लिए अपने नये समीकरण बैठाने शुरू कर दिये है। किसान आंदोलन को लेकर भाजपा से नाराज चल रहे जाटों को भाजपा ने अब साधना शुरू कर दिया है। भाजपा ने पहले राजस्थान के जाट नेता को उपराष्ट्रपति बनाया और अब यूपी को जाट नेता के रूप में नया प्रदेश अध्यक्ष दिया। भूपेन्द्र चौधरी के यूपी का भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने से समूचे यूपी के साथ-साथ हरियाण, राजस्थान व मध्यप्रदेश में भी इसका असर दिखाई देगा।
भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 का एलान करते हुए यूपी भाजपा के अध्यक्ष की घोषणा कर दी है। वर्तमान सरकार में पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी को यह पद दिया गया है। इसके साथ पहली बार ऐसा हुआ है जब एक जाट नेता को कमान दी गई है। भाजपा के ’एक व्यक्ति एक पद’ के अनुशासन के अनुसार, अध्यक्ष पद के लिए नाम घोषित होने के बाद चौधरी को मंत्री पद से इस्तीफा देना होगा। 54 वर्षीय भूपेंद्र चौधरी 2016 में पहली बार विधान परिषद सदस्य चुने गए थे। 2017 में प्रदेश में सरकार बनने पर उन्हें पंचायती राज विभाग का राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया था।
भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि पार्टी और कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं के अनुसार काम करूंगा। भाजपा को आगे ले जाने के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा के असंख्य कार्यकर्ता हमेशा चुनाव के मोड़ में रहते है। उन्होंने कहा कि बहुत से ऐसे कार्यकर्ता थे जो मुझसे अच्छा काम कर सकते थे लेकिन पार्टी ने उन्हें मौका दिया है नेतृत्व की अपेक्षाओं के अनुसार काम करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले चार चुनाव से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपार सफलता मिली है। कार्यकर्ताओं ने मेहनत से अच्छे परिणाम दिए है। मोदी के नेतृत्व में सफलता के इस क्रम को लगातार जारी रखेंगें। उन्होंने कहा कि यूपी में बूथ स्तर तक भाजपा का संगठन खड़ा है। 2024 में सभी 80 सीटों पर पार्टी की जीत होगी।
जमीनी स्तर के बड़े नेता माने जाते हैं भूपेंद्र चौधरी
बीते काफी दिनों से राजनीतिक गलियारों में उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी प्रदेश के अध्यक्ष के अलग-अलग नामों को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन पार्टी ने जो नाम तय किया है वह उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी का है। चौधरी संगठन के न सिर्फ पुराने कार्यकर्ता हैं बल्कि जमीनी स्तर के बड़े नेता माने जाते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पश्चिम के बड़े जाट नेता से न सिर्फ उत्तर प्रदेश का पश्चिमी इलाका राजनैतिक रूप से भाजपा के लिए मजबूत गढ़ बनेगा बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के सभी क्षेत्र पिछड़ी जाति के प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने से सारे राजनीतिक समीकरण साधे जाएंगे। उत्तर प्रदेश के राजनीतिक विश्लेषक जीडी सिंह कहते है कि भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरीके से पश्चिम के एक बड़े जाट नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है वह एक साथ कई राज्यों के लिए भी राजनीतिक रूप से बड़ा कदम माना जा रहा है।
जाटों के बड़े आंदोलन के असर को कम करने की रणनीति
वरिष्ठ पत्रकार प्रेमशंकर कहते हैं कि भूपेंद्र सिंह के प्रदेश अध्यक्ष बनने का एक बड़ा मतलब यह भी है कि जाटों के बड़े आंदोलन के असर को बहुत हद तक निष्क्रिय कर दिया जाए। प्रेम कहते हैं कि अगर बीते कुछ समय के लोकसभा और विधानसभा के चुनावों के चुनावी अभियान पर आप नजर डालें तो पाएंगे सभी चुनावी रैलियां, दौरे और चुनावी अभियान पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ही शुरू किए गए। क्योंकि बीते कुछ समय से जाटों का आंदोलन पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ही आगे बढ़ रहा था। ऐसे में जाट नेता खासतौर से जमीनी जाट नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फैसला भारतीय जनता पार्टी के निश्चित तौर पर हित में माना जा रहा है। वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक एसएन तोमर कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने इस दांव से सिर्फ पश्चिमी उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि राजस्थान और हरियाणा की राजनीति पर भी बड़े निशाने साधे हैं। वह कहते हैं कि भाजपा ने जिस तरीके से उपराष्ट्रपति पद पर एक बड़े जाट कद्दावर नेता को अपना प्रत्याशी बनाया था। उसी से अंदाजा लगाया जाने लगा था कि भारतीय जनता पार्टी आने वाले दिनों में जाटलैंड से निशाने लगाकर चुनावी राज्यों को साधने की तैयारी करेगी। नए प्रदेश अध्यक्ष से यह संदेश और स्पष्ट हो गया है।
समूचे राज्य पर पड़ेगा असर
उत्तर प्रदेश की राजनीति में पूर्वाचल और मध्य क्षेत्र का बड़ा राजनीतिक दखल माना जाता रहा है। ऐसे में पश्चिम से नए जाट नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने का समूचे राज्य पर क्या असर पड़ेगा, इस पर राजनीतिक विश्लेषकों की अपनी अलग-अलग राय है। भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि यह बात बिल्कुल सही है कि उत्तर प्रदेश में मध्य और पूर्वांचल राजनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है। लेकिन भाजपा सरकार में इस वक्त इन इलाकों का अच्छा खासा और मजबूत प्रतिनिधित्व है। पूर्वांचल से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आते हैं। जबकि पूर्वांचल से ही बड़े पिछड़े नेता और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या भी आते हैं। इसके अलावा मध्य क्षेत्र में आने वाली उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विधायक और बड़े ब्राह्मण चेहरे के तौर पर पहचान रखने वाले उप-मुख्यमंत्री बृजेश पाठक भी उत्तर प्रदेश सरकार में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
2019 में मंत्रिमंडल फेरबदल में चौधरी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 में चौधरी को पुनः कैबिनेट मंत्री बनाते हुए पंचायती राज विभाग की जिम्मेदारी दी गई। चौधरी हाल ही में पुनः विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हुए हैं।
भूपेंद्र सिंह चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट वोट बैंक साधने की कोशिश की है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने से लोकसभा चुनाव में सपा और रालोद गठबंधन से संभावित नुकसान को कम किया जा सकेगा। वहीं, लगातार दूसरी बार पिछड़े वर्ग के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से पश्चिम से पूर्वांचल तक ओबीसी वोट बैंक में अच्छा संदेश जाएगा।
भूपेंद्र चौधरी तीन बार भाजपा के पश्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने संभल लोकभवन सीट से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के सामने लोकसभा चुनाव भी लड़ा है। वह मुरादाबाद के महेंद्र गांव के रहने वाले हैं। भूपेंद्र चौधरी के नाम की घोषणा होने तक कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद भी प्रदेश अध्यक्ष का कार्यभार संभाल रहे थे। वह जलशक्तिमंत्री हैं।
स्वतंत्र देव के पहले, केशव प्रसाद मौर्य, लक्ष्मीपति त्रिपाठी, सूर्य प्रताप शाही, रमापति राम त्रिपाठी, केशरी नाथ त्रिपाठी, विनय कटियार और कलराज मिश्र अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं। मिश्र को दो बार अध्यक्ष बनाया गया है। मिश्र के पहले राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह भी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भूपेंद्र सिंह चौधरी को भाजपा का अध्यक्ष बनने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि निःसंदेह, आपके ऊर्जावान नेतृत्व में भाजपा ’सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ भाव के साथ प्रदेश में सफलता के नए प्रतिमान स्थापित करेगी।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र चौधरी को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर हार्दिक बधाई व उज्ज्वल कार्यकाल की हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि निश्चित ही आपके नेतृत्व में भाजपा प्रदेश में और अधिक मजबूत होकर अंत्योदय की संकल्पना के साथ आगे निरंतर बढ़ेगी। उन्हें नवनियुक्त राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल ने भी बधाई दी है।


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