भारतीय संविधान: दुनिया का सबसे विस्तृत लिखित संविधान

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
December 22, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

-26 नवंबर 1949—भारतीय लोकतंत्र की आधारशिला रखने वाला ऐतिहासिक दिन

नई दिल्ली/उमा सक्सेना/-   आजाद भारत के इतिहास में 26 नवंबर 1949 एक स्वर्णिम तारीख के रूप में दर्ज है। इसी दिन भारत का संविधान पूर्ण रूप से तैयार हुआ और संविधान सभा ने इसे औपचारिक रूप से अंगीकृत किया। इसी महत्वपूर्ण अवसर की स्मृति में देश हर वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाता है, जिसका उद्देश्य नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता और सम्मान को बढ़ावा देना है।

2015 में हुई संविधान दिवस मनाने की औपचारिक शुरुआत
सरकार ने वर्ष 2015 में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती पर संविधान दिवस मनाने की औपचारिक घोषणा की। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने इसे अधिसूचित करते हुए हर वर्ष 26 नवंबर को विशेष महत्व देने का निर्णय लिया।

हालाँकि संविधान 26 नवंबर 1949 को तैयार होकर स्वीकार कर लिया गया था, लेकिन इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। यह सवाल अक्सर उठता है कि दो महीने का इंतजार क्यों?

26 जनवरी को लागू करने के पीछे ऐतिहासिक महत्व
इस तारीख का चयन संयोग नहीं, बल्कि देश की स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी एक महत्वपूर्ण स्मृति था। 26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज दिवस मनाकर ब्रिटिश शासन से सम्पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा की थी। 1929 के लाहौर अधिवेशन में पंडित जवाहरलाल नेहरू को कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने के बाद रावी नदी के तट पर तिरंगा फहराकर पूर्ण स्वतंत्रता की मांग को साकार रूप दिया गया। इसी गौरवपूर्ण स्मृति को सम्मान देते हुए संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।

दुनिया का सबसे बड़ा संविधान: अनेक देशों की श्रेष्ठताओं का समावेश
भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा और विस्तारपूर्ण लिखित संविधान है। इसके निर्माण में विभिन्न देशों — अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, आयरलैंड, जापान, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा — के संवैधानिक सिद्धांतों का समावेश किया गया। मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों, शासन-व्यवस्था, तथा प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री की शक्तियों से संबंधित कई अवधारणाएँ भी इन देशों से प्रेरित हैं।

दो वर्ष, 11 माह और 18 दिन की सतत मेहनत का नतीजा
संविधान तैयार करने में लगभग तीन साल का समय लगा। संविधान सभा ने कुल 11 सत्रों में 167 दिनों तक सूक्ष्म चर्चा की। प्रारंभिक रूप से संविधान में 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियां और लगभग 1,45,000 शब्द थे, जिससे यह दुनिया का सबसे विस्तृत राष्ट्रीय संविधान बन गया।

संविधान की मूल प्रति को प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने हाथ से इटैलिक शैली की कैलिग्राफी में लिखा, जो आज भी राष्ट्रीय धरोहर के रूप में संरक्षित है।

संविधान भारत का सर्वोच्च कानून
संविधान केवल शासन-व्यवस्था का ढांचा ही नहीं, बल्कि नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों का भी मार्गदर्शक दस्तावेज है। यह विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका—तीनों के अधिकार और दायित्व स्पष्ट करता है।

संविधान दिवस: उद्देश्य और गतिविधियाँ
संविधान दिवस को राष्ट्रीय कानून दिवस भी कहा जाता है। इस मौके पर देशभर में—

स्कूलों एवं संस्थानों में संविधान संबंधी प्रतियोगिताएँ

“रन फॉर इक्वलिटी” जैसे कार्यक्रम

संसद में विशेष सत्र
आयोजित किए जाते हैं। हर वर्ष 26 नवंबर को यह दिवस नागरिकों को संविधान की मूल भावना को याद दिलाता है।

About Post Author

आपने शायद इसे नहीं पढ़ा

Subscribe to get news in your inbox