नई दिल्ली/- देश में कथित रूप से आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) व उससे संबद्ध कई अन्य संगठनों पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है। इस कड़े प्रतिबंध के बाद सरकार अब पीएफआई व इससे जुड़े अन्य संगठनों पर डिजिटल स्ट्राइक कर रही है। केंद्र ने इन संगठनों की वेबसाइटों और सोशल मीडिया अकाउंट को ब्लॉक करने के लिए एक “टेकडाउन“ ऑर्डर जारी किया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि पीएफआई जैसे संगठन अपनी गतिविधियों का प्रचार न कर सकें।
सरकारी आदेश के तहत पीएफआई की आधिकारिक वेबसाइट, इसके ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम अकाउंट, यूट्यूब चैनल और अन्य सभी ऑनलाइन उपस्थिति को भी ब्लॉक किया जा रहा है। पीएफआई के अलावा, रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), अखिल भारतीय इमाम परिषद ( एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन (केरल) के भी सोशल मीडिया अकाउंट्स को स्थायी रूप से ब्लॉक किया जा रहा है और उनके द्वारा पोस्ट की गई सामग्री को हटाया जा रहा है।
खबर लिखे जाने तक पीएफआई, आरआईएफ व एआईआईसी वेबसाइटों को पहले ही ब्लॉक कर दिया गया है। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अन्य केंद्रीय एजेंसियों के आदेश के बाद दूरसंचार विभाग मामले में तेजी से एक्शन ले रहा है। इस मामले अब फेसबुक और ट्विटर सहित सोशल मीडिया कंपनियों को इन संगठनों के खातों या पीएफआई से संबंधित किसी भी सामग्री को हटाने के लिए लेटर भेजे जा रहे हैं।
एक “गैरकानूनी संगठन“ के रूप में, पीएफआई अब किसी भी आधिकारिक चैनल के माध्यम से कोई प्रेस बयान जारी नहीं कर पाएगा। इसके अलावा, मामले से परिचित एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि पीएफआई, सीएफआई, आरआईएफ और अन्य सहयोगियों से जुड़े आधिकारिक व्हाट्सएप अकाउंट की भी निगरानी की जाएगी और किसी भी राष्ट्र विरोधी गतिविधि पर मुकदमा चलाया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि अगर पीएफआई या उसके किसी सहयोगी ने अपनी गतिविधियों के लिए कोई प्रॉक्सी सोशल मीडिया अकाउंट या वेबसाइट खोली है, तो उन्हें भी ब्लॉक किया जा सकता है।
पीएफआई के अलावा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित संगठनों में ‘रिहैब इंडिया फाउंडेशन’ (आरआईएफ), ‘कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया’ (सीएफ), ‘ऑल इंडिया इमाम काउंसिल’ (एआईआईसी), ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन’ (एनसीएचआरओ), ‘नेशनल विमेंस फ्रंट’, ‘जूनियर फ्रंट’, ‘एम्पॉवर इंडिया फाउंडेशन’ और ‘रिहैब फाउंडेशन (केरल)’ के नाम शामिल हैं।
सोलह साल पुराने संगठन पीएफआई के खिलाफ मंगलवार को सात राज्यों में छापेमारी के बाद 150 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया या गिरफ्तार किया गया। इससे पांच दिन पहले भी देशभर में पीएफआई से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की गई थी और करीब 100 से अधिक लोगों को उसकी कई गतिविधियों के लिए गिरफ्तार किया गया था, जबकि काफी संख्या में संपत्तियों को भी जब्त किया गया।


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