• DENTOTO
  • पहले बयानबाजी…अब बढ़ा रहे हैं दोस्ती का हाथ, आखिर क्यों बदल रहा है मुइज्जू का रुख?

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    July 2025
    M T W T F S S
     123456
    78910111213
    14151617181920
    21222324252627
    28293031  
    July 30, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    पहले बयानबाजी…अब बढ़ा रहे हैं दोस्ती का हाथ, आखिर क्यों बदल रहा है मुइज्जू का रुख?

    मानसी शर्मा /-  मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने दूसरी बार भारत का दौरा कर रहे है। आज, वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। यह दौरा चार महीने पहले जुलाई में हुए उनके पिछले दौरे के बाद आया है। ऐसे में सवाल उठता है कि जिस नेता ने भारत के खिलाफ बयानबाजी और “इंडिया आउट” अभियान के जरिए अपनी राजनीतिक जमीन तैयार की, उसे इतनी जल्दी भारत आने की क्या आवश्यकता पड़ी? आइए, इस दौरे के पीछे के कारणों पर नज़र डालते हैं।

    भारत के बिना भविष्य की कल्पना नहीं

    मुइज्जू को यह अहसास हो चुका है कि भारत के सहयोग के बिना मालदीव का भविष्य तय करना संभव नहीं है। पिछले साल, जब उनके कुछ मंत्रियों ने पीएम मोदी पर अभद्र टिप्पणी की थी, तब भारतीय पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई। इसका परिणाम यह हुआ कि मालदीव का पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ। भारतीय पर्यटकों की कमी ने वहां के विदेशी मुद्रा भंडार को भी प्रभावित किया, जो अब केवल 40करोड़ डॉलर रह गया है।

    भारत पर निर्भरता के कारण

    मालदीव की भारत पर निर्भरता के कई कारण हैं:

    • डिफेंस और सिक्योरिटी:मालदीव की सुरक्षा के लिए भारत का सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है। भारत ने 1988से मालदीव को सहायता प्रदान की है। 2016में एक समझौते के तहत, भारत मालदीवियन नेशनल डिफेंस फोर्स (MNDF) को आवश्यक 70प्रतिशत सामान मुहैया कराता है। पिछले 10सालों में, MNDF के 1500से अधिक सैनिकों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।
    • इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास:भारत ने मालदीव में कई बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में सहयोग किया है, जैसे कि एयरपोर्ट्स और कनेक्टिविटी के विकास। ग्रेटर माले प्रोजेक्ट इसका एक प्रमुख उदाहरण है, जिसमें भारत ने 50करोड़ डॉलर का निवेश किया है।
    • स्वास्थ्य सेवाएं:भारत ने मालदीव में कैंसर अस्पताल के निर्माण में 52करोड़ रुपये का योगदान दिया है, जिसे इंदिरा गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल के नाम से जाना जाता है।
    • शिक्षा क्षेत्र में योगदान:1996में, भारत ने मालदीव में तकनीकी शिक्षा संस्थान की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
    • व्यापारिक संबंध:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत और मालदीव के बीच व्यापार चार गुना बढ़कर 50करोड़ डॉलर तक पहुंच गया है, जो 17करोड़ डॉलर से शुरू हुआ था।

    इस दौरे से स्पष्ट है कि मुइज्जू का भारत में आना केवल एक राजनैतिक चाल नहीं, बल्कि एक मजबूरी भी है। भारत के साथ मजबूत संबंध बनाए रखना मालदीव की आर्थिक और सुरक्षा हितों के लिए अत्यंत आवश्यक है।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox