
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/चंडीगढ़/शिव कुमार यादव/- पंजाब में शनिवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में 10 सदस्यीय मंत्रीमंडल का गठन किया गया। मंत्रीमंडल गठन मे आम आदमी पार्टी की सरकार ने 10 मंत्रियों के सहारे हर वर्ग व क्षेत्र को साधने की कोशिश की जिसमें दलित से लेकर महिला तक को मंत्री मंडल में जगह दी गई। भगवंत मान ने होली की शाम खुद ट्वीट कर अपने मंत्रियों के नामों का एलान किया था। वहीं कैबिनेट में माझा और मालवा का पूरा दबदबा रहता दिखाई दे रहा है।
कैबिनेट में पार्टी ने मालवा से पांच, माझा से चार और दोआबा क्षेत्र से एक विधायक को प्रतिनिधित्व दिया. कैबिनेट में चार उन विधायकों को जगह दी गई है जो सुरक्षित सीटों दीर्बा, जंडियाला, मलोट और भोआ का प्रतिनिधित्व करते हैं. हालांकि, कांग्रेस के चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू, शिअद के प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल तथा पंजाब लोक कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह आदि दिग्गजों को हराने वाले आप विधायकों को कैबिनेट में जगह नहीं मिली।
भगवंत मान के नये सिपहसालार, जाने कौन कहां से…..
हरपाल सिंह चीमा
दिड़बा से लगातार दूसरी बार विधायक बने चीमा विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रहे हैं। चीमा वकील रहे हैं और आम आदमी पार्टी के साथ शुरू ही जुड़े रहे हैं। वे पार्टी के बड़े दलित नेता माने जाते हैं।
डॉ. बलजीत कौर
डॉ. बलजीत कौर फरीदकोट से आप के पूर्व सांसद प्रो. साधु सिंह की बेटी हैं और मलोट से विधायक का चुनाव जीती हैं। वे नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं।
हरभजन सिंह
हरभजन सिंह जंडियाला से विधायक हैं। वे 2012 में ईटीओ बने थे और 2017 में स्वैच्छिक सेवानिवृति लेकर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे।
डॉ. विजय सिंगला
मानसा से विधायक बने डॉ. सिंगला ने प्रसिद्ध पंजाबी गायक और कांग्रेस उम्मीदवार सिद्धू मूसेवाला को मात दी थी। वे पेशे से डेंटल सर्जन हैं
लालचंद कटारूचक्क
लाल चंद भोआ से विधायक का चुनाव जीते हैं। वे समाजसेवी हैं और पहली बार ही चुनाव जीते हैं। उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता जोगिंदर पाल को मात दी थी।
गुरमीत सिंह मीत हेयर
मीत हेयर लगातार दूसरी बार बरनाला से विधायक बने हैं। वे बीटेक के बाद दिल्ली आईएएस की तैयारी करने गए थे। वहीं अन्ना हजारे आंदोलन से जुड़े और बाद में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। मीत हेयर 32 साल के हैं।
हरजोत सिंह
श्री आनंदपुर साहिब से हरजोत सिंह बैंस ने पंजाब विधानसभा स्पीकर राणा केपी सिंह को मात दी थी। लंदन से पढ़े हरजोत सिंह वकील हैं। पिछली बार वे साहनेवाल से चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे। आम आदमी पार्टी की यूथ विंग के प्रधान भी हैं।
लालजीत भुल्लर
भुल्लर ने पट्टी से आदेश प्रताप सिंह कैरों को मात दी थी। कैरों प्रकाश सिंह बादल के दामाद हैं। पट्टी की अनाज मंडी में आढ़त का काम करने वाले लालजीत सिंह भुल्लर किसी समय कैरों के करीबी होते थे।
ब्रह्म शंकर जिम्पा
जिंपा ने होशियारपुर से मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा को मात दी थी। ब्रह्मशंकर का अपना बिजनेस है। वे छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े हुए हैं। वे 25 साल पार्षद रह चुके हैं।
कुलदीप सिंह धालीवाल
अजनाला से विधायक बने कुलदीप सिंह धालीवाल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज है। वे बागवानी करते हैं। धालीवाल अपने गांव में हाशिम शाह मेला आयोजित करवाते रहते थे। उसमें पूरे पंजाब से कलाकार हिस्सा लेते थे। सात साल पहले वे आप से जुड़े थे। 2017 में उन्हें टिकट नहीं मिला था। 2019 में गुरदीप औजला के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन वे हार गए थे।
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