न्यूयॉर्क में चीन चला रहा अवैध पुलिस स्टेशन, एफबीआई ने किया पर्दाफाश

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
November 22, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

न्यूयॉर्क में चीन चला रहा अवैध पुलिस स्टेशन, एफबीआई ने किया पर्दाफाश

-जिनपिंग के विरोधियों को धमकाते थे नकली चीनी पुलिस अधिकारी, दो चीनी नागरिक गिरफ्तार

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/मैनहैटन/शिव कुमार यादव/- अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहने वाले 2 चीनी नागरिकों को एफबीआई ने गिरफ्तार किया है। इन पर मैनहैटन में चीन का अवैध पुलिस स्टेशन चलाने का आरोप है। इसके जरिए वो अमेरिका में चीन सरकार की आलोचना करने वाले चीनी नागरिकों और प्रवासियों को धमकाया करते थे। अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने बताया कि 61 साल के लू जियानवांग और 59 साल के चेन जिनपिंग अमेरिका को बिना बताए चीनी सरकार के एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे।


                   सोमवार को ब्रुकलिन फेडरल कोर्ट में पेशी के बाद दोनों आरोपियों को बॉन्ड पर रिहा कर दिया गया। हालांकि, अगर उन पर लगे आरोप सही साबित होते हैं तो दोनों चीनी नागरिकों को 25 साल जेल की सजा सुनाई जा सकती है। ठठब् के मुताबिक, ब्रिटेन और नीदरलैंड्स सहित दुनियाभर के 53 देशों में चीन ऐसे 102 पुलिस स्टेशन चला रहा है। मार्च में कनाडा ने भी 2 संदिग्ध पुलिस चौकियों की जांच करने की घोषणा की थी।

सोशल मीडिया पर अपने नागरिकों को डरा रहा चीन
इसके अलावा अमेरिका ने चीनी नेशनल पुलिस के 40 अधिकारियों पर भी चार्ज लगाए गए हैं। आरोप है कि ये लोग फेक सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए चीनी नागरिकों को डराते थे और चीनी सरकार का प्रचार करते थे। वहीं अमेरिका में मौजूद चीनी ऐंबैसी के प्रवक्ता ल्यू पेंग्यू ने कहा- अमेरिका अपने वर्चस्व को बनाए रखने के लिए अमेरिका चीनी नागरिकों पर मनगढ़ंत आरोप लगा रहा है। उनका मकसद चीन की छवि खराब करना है।
                  इससे पहले चीन की सरकार ने कहा था कि दूसरे देशों में ऐसे कुछ सेंटर्स हैं जिन्हें चीनी नागरिकों ने खुद शुरू किया है। इनका मकसद दूसरे देशों में रह रहे चीन के नागरिकों के लिए डॉक्यूमेंट्स रिन्यू करने का प्रोसेस आसान बनाना और उन्हें बाकी सुविधाएं देना है। इसमें चीन के अधिकारियों या पुलिसकर्मियों का कोई दखल नहीं है।

नागरिकों की मदद की आड़ में चीनी सरकार का प्रचार कर रहे
मामले की जांच कर रहे यूएस अटॉर्नी ब्रियोन पीस ने कहा- अमेरिका में एक सीक्रेट पुलिस स्टेशन बनाकर चीनी सरकार ने हमारे देश की संप्रभुता का उल्लंघन करने की कोशिश की है। जांच अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी मैनहैटन के चाइनाटाउन में एक नॉनप्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन चलाते थे, जिसे उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में बंद कर दिया था।
                      आरोपियों ने दावा किया था कि अपने बिजनेस के जरिए वो चीनी नागरिकों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेज रिन्यू करवाने का काम करते थे। हालांकि, जांच में पता चला कि बिजनेस की आड़ में वो खुफिया तौर पर चीनी सरकार के लिए काम कर रहे थे।

रेस्टोरेंट-छोटे बिजनेस की आड़ में चल रहे सर्विस स्टेशन
2022 में स्पेन की एक रिपोर्ट में सामने आया था कि चीन दूसरे देशों में अपने सर्विस स्टेशन चला रहा है। ये ज्यादातर छोटे लोकल बिजनेस और रेस्टोरेंट की आड़ में चलाए जा रहे हैं। इनके जरिए चीनी पुलिस वहां से भागे नागरिकों पर वापस चीन लौटने का दबाव बनाती है। ह्यूमन राइट्स ने भी इन सर्विस स्टेशन्स पर दूसरे देशों में रह रहे चीनी नागरिकों को डराने-धमकाने का आरोप लगाया है।
                    दिसंबर 2022 में चोसन मीडिया ग्रुप ने साउथ कोरिया में भी ऐसे ही एक रेस्टोरेंट का खुलासा किया था। ये चीनी रेस्टोरेंट 2017 से राजधानी सियोल में चल रहा था। चोसन के मुताबिक, रेस्टोरेंट की आड़ में चीन देश में शी जिनपिंग और उनकी सरकार का प्रचार करने का काम कर रहा था। रेस्टोरेंट के अंदर जिनपिंग की आइडियोलॉजी से जुड़ी कई किताबें भी मौजूद थीं।

चीन के फूजौ और किंग्टियन शहर से ऑपरेट होते हैं पुलिस स्टेशन
इससे पहले इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट एंड सिक्योरिटी ने भी कुछ रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा था- चीन ने नीदरलैंड, कनाडा, आयरलैंड, नाइजीरिया समेत 21 देशों के 25 शहरों में अवैध पुलिस स्टेशन बनाए हैं। चीन के फूजौ और किंग्टियन शहर में बैठे अधिकारी अवैध पुलिस स्टेशन को चला रहे हैं। उनके सुपरविजन में यहां लोगों को बंदी बनाया जा रहा है। ये सीधे तौर पर किसी भी देश की संप्रभुता और सुरक्षा के खिलाफ है।

दूसरे देशों की जासूसी करता है चीन
चीन अफ्रीका में भी ऐसे ही जासूसी करता था। 2018 में इथोपिया की राजधानी अदीस अबाबा में अफ्रीकन यूनियन बिल्डिंग में कुछ सर्वर मिले थे। चीन ने एक ऐसा डिजिटल नेटवर्क बनाया था जिससे सीक्रेट डेटा और वीडियोज चीनी सरकार के पास ट्रांस्फर किए जाते थे।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox