
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- नीट-पीजी में आरक्षण को लेकर चला आ रहा विवाद आज खत्म हो गया। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ओबीसी का 27 प्रतिशत व ईडब्ल्यूएस का 10 प्रतिशत कोटा बरकरार रखा है। इसके साथ ही कोर्ट ने यूजी व पीजी कोर्सेज के लिए तुरंत काउंसिलिंग शुरू करने के आदेश दिये हैं। कोर्ट के इस आदेश के बाद एमबीबीएस के 50 हजार चिकित्सकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस ए एस बोपन्ना की अगुआई वाली बेंच ने इस साल काउंसिलिंग में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के छात्रों की पहचान के लिए 8 लाख रुपए इनकम का क्राइटेरिया मानने की अनुमति दी है। ईडब्ल्यूएस रिजर्वेशन और ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में कौन आएगा इसकी पहचान के लिए मार्च के तीसरे हफ्ते में सुनवाई रखी गई है। एडमिशन को लेकर अंतिम निर्णय सुप्रीम कोर्ट का रहेगा।
कोर्ट के मुताबिक, इस साल पुराने नियमों के आधार पर ही एडमिशन दिए जाएंगे। नए नियम के मुताबिक, ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में 10 लाख की सालाना आय को मान्य किया गया था, लेकिन पांच एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि वाले परिवारों के छात्रों को ईडब्ल्यूएस से बाहर किया गया है, चाहे उनकी सालाना आय कितनी भी हो, लेकिन अब इस मामले पर दोबारा सुनवाई होगी।
इससे पहले पिछले हफ्ते हुई सुनवाई में सरकार ने कोर्ट को बताया था कि ईडब्ल्यूएस की पहचान करने के क्राइटेरिया को इस शैक्षिक सत्र में लागू किया जाएगा। सरकार ने कहा था कि ऐसे समय पर जब नीट स्टूडेंट्स के एडमिशन की प्रक्रिया जारी है, नियमों में बदलाव करने से उलझन पैदा होगी। सरकार ने कहा था कि बदले हुए नियम अगले साल से लागू किए जा सकते हैं।
कोर्ट ने सरकार से इस बारे में जवाब मांगा था कि जब व्ठब् में क्रीमी लेयर की पहचान के लिए 8 लाख से कम की सालाना आय का स्टैंडर्ड मान्य है, तो इसी को ईडब्ल्यूएस की पहचान का क्राइटेरिया क्यों बनाया गया है। कोर्ट का कहना था कि ओबीसी और ईडब्ल्यूएस श्रेणियों के लिए समान मानदंड कैसे अपनाया जा सकता है, जबकि ईडब्ल्यूएस में कोई सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ापन नहीं है।
नीट-पीजी एक पोस्टग्रैजुएट एग्जाम है जिसमें भाग लेकर डॉक्टर पोस्टग्रैजुएट लेवल की शिक्षा लेते हैं। नीट-पीजी एडमिशन क्लियर होने पर करीब 50 हजार डॉक्टरों की हेल्थकेयर वर्क-फोर्स में भर्ती होगी। कोरोना की तीसरी लहर के दौरान डॉक्टरों की भर्ती होने से बड़ी राहत मिलेगी। नीट-पीजी के एडमिशन में देरी के विरोध में पिछले महीने देशभर के रेजिडेंट डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू की थी। सरकार से जल्द एडमिशन शुरू होने का आश्वासन मिलने के बाद डॉक्टरों ने 31 दिसंबर को हड़ताल खत्म कर दी थी।
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