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    देश में जाति जनगणना संवेदनशील मुद्दा- आरएसएस

    -शर्तों के साथ जाति नजगणना के समर्थन में आया आरएसएस -समाज के विकास के लिए ये करनी चाहिए, लेकिन चुनाव प्रचार के लिए न हो इसका इस्तेमाल

    पलक्कड़/केरल/शिव कुमार यादव/- जाति जनगणना पर भाजपा की केंद्र सरकार के विपरीत अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी सोमवार को जाति जनगणना को लेकर शर्तों के साथ हामी भी दी है। हालांकि आरएसएस ने इसे संवेदनशील मुद्दा बताया लेकिन साथ ही कहा कि यह लोगों के कल्याण के लिए सही है, लेकिन इसका इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

           केरल के पलक्कड़ में तीन दिवसीय आरएसएस की समन्वय बैठक के बाद आरएसएस के मुख्य प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार को सिर्फ डेटा के लिए जाति जनगणना करवानी चाहिए। बता दें कि आरएसएस की अखिल भारतीय समन्वय बैठक हर साल होती है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी, आरएसएस की पहली बड़ी बैठक केरल के पलक्कड़ में हुई। 2 सितंबर तक चली अखिल भारतीय समन्वय बैठक में आरएसएस से जुड़े 32 संगठनों के करीब 320 प्रतिनिधि शामिल हुए।  जिसमें कोलकाता रेप-मर्डर केस और यूनिफॉर्म सिविल कोड पर भी चर्चा हुई।

    बड़े मुद्दे, जिन पर समन्वय बैठक में चर्चा हुई
    जाति जनगणना पर :
    आंबेकर ने कहा- हमारे हिंदू समाज में जाति बहुत संवेदनशील मुद्दा है। जनगणना हमारी राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा के लिए अहम है। इसे बहुत गंभीरता के साथ किया जाना चाहिए। किसी जाति या समुदाय की भलाई के लिए भी सरकार को आंकड़ों की जरूरत होती है। ऐसा पहले भी हो चुका है। लेकिन इसे सिर्फ समाज की भलाई के लिए किया जाना चाहिए। चुनावों का पॉलिटिकल टूल न बनाएं।

    कोलकाता रेप-मर्डर केस : आंबेकर ने कोलकाता रेप-मर्डर को दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया। वे बोले- हर कोई इससे चिंतित है। देश में ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। हमने सरकार की भूमिका, आधिकारिक तंत्र, कानून, सजा पर चर्चा की है। सभी का मानना है कि ऐसे मामलों पर दोबारा विचार करने की जरूरत है, ताकि हम फास्टट्रैक जैसी प्रोसेस अपना सकें और पीड़ित को न्याय दिला सकें।

    यूनिफॉर्म सिविल कोड : यूसीसी मॉडल पहले से ही जनता के बीच है। उत्तराखंड में यूसीसी को अपनाने से पहले उन्होंने इसे सार्वजनिक डोमेन में रखा था। इसलिए मुझे लगता है कि उन्हें 2 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए और उन्होंने इस पर चर्चा की। मुझे लगता है कि अब यह सार्वजनिक डोमेन में है। जनता को इसका अनुभव है, फिर हम इस पर चर्चा कर सकते हैं।

    बांग्लादेश में हिंदुओं के हालात पर : सुनील ने बताया कि बैठक के दौरान कई संगठनों ने बांग्लादेश के हालात पर विस्तृत रिपोर्ट पेश की है। बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के बारे में हर कोई चिंतित है। हमने सरकार से वहां के हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने के लिए बांग्लादेश सरकार के साथ बातचीत करने का अनुरोध किया है।

    पिछली बैठक में भाजपा को सलाह दी थी- लापरवाही से काम नहीं चलेगा
    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सितंबर 2023 में हुई समन्वय बैठक में भाजपा को संघ ने सलाह दी थी कि विरोधी दलों के गठबंधन से डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन लापरवाही से भी काम नहीं चलेगा। इस बैठक की शुरुआत सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने भारत माता की पूजा से की थी। इस बैठक में संघ के 36 संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए थे।

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