नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/-देश में लगातार कोरोना के मामले घट रहे है लेकिन मौत के आंकड़ें कम होने की बजाये घटने से अब लोग कोरोना की टेस्टिंग पर सवाल उठाने लगे हैं। लोगों का कहना है कि ऐसा क्या हे जिसके चलते कोरोना के नये मामले तो घट रहे है लेकिन कोरोना का मौत का आंकड़ा अब भी लोगों में दहशत फैला रहा है। सोमवार के कोविड-19 बुलेटिन के अनुसार देश में अब तक 33 करोड़ लोगों की कोरोना जांच हो चुकी है। जिसमें 2.67 करोड़ लोग कोरोना पाॅजिटिव पाये गये हैं। हालांकि देश में कोरोना संक्रमण की मृत्यु दर 1.14 प्रतिशत है। मौत के आंकड़े वही होने से लोग न केवल टेस्टिंग पर सवाल उठा रहे है बल्कि आंकड़ों की हेराफेरी की संभावना भी जता रहे हैं।
देशभर में एक दिन में कोविड-19 के 2,22,315 नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,67,52,447 हो गई। हालांकि, पिछले 38 दिनों में एक दिन में सामने आए संक्रमण के ये सबसे कम नए मामले हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार (24 मई) को बताया कि इससे पहले देश में 16 अप्रैल को 24 घंटे में 2,17,353 नए मामले सामने आए थे। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में संक्रमण से 4,454 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 3,03,720 हो गई। आंकड़ों के अनुसार, देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में भी गिरावट आई है और अभी 27,20,716 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 10.17 प्रतिशत है।
मौत के आंकड़ों पर देश भी से एक ही आवाज आ रही है कि या तो सरकार की टेस्टिंग प्रणाली ठीक नही है या फिर आंकड़ों मंे जान बूझकर हेराफेरी की जा रही है। लोग का कहना है कि जिस तीसरी लहर की सरकार बात कर रही है उसके लिए क्या हम इन आंकड़ों के आधार पर जायेंगे या फिर अस्पतालों में उपचाराधीन मरीजों के आंकड़ों के आधार पर। क्योंकि अस्पतालों से तो 10 गुणा ज्यादा लोग घरों में अपना इलाज कर रहे है तो फिर यह कैसे माना जाये कि देश में कोरोना के मामले घट रहे है। उन्होने प्रधानमंत्री मोदी से इस बारें में गहनता से जांच कराने की बात भी कही।
इसके अलावा देश में अब तक 2,37,28,011 लोग कोरोना के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं और राष्ट्रीय स्तर पर स्वस्थ होने की दर 88.69 प्रतिशत है। वहीं, कोविड-19 से मृत्यु दर 1.14 प्रतिशत है। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी।
वहीं, कोरोना संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख के पार हो गए। ये मामले 19 दिसंबर को एक करोड़ के पार और चार मई को दो करोड़ के पार चले गए। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, देश में 23 मई तक कुल 33,05,36,064 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई। इनमें से 19,28,127 नमूनों की जांच रविवार (23 मई) को की गई।
-रविवार को 24 घंटे में मिले 2.22 लाख से ज्यादा कोविड केस, 4454 मरीजों की गई जान
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