• DENTOTO
  • दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती: कमीशन को फटकार, 3 अक्टूबर को सुनवाई

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    July 2025
    M T W T F S S
     123456
    78910111213
    14151617181920
    21222324252627
    28293031  
    July 29, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती: कमीशन को फटकार, 3 अक्टूबर को सुनवाई

    नई दिल्ली/अनीशा चौहान/-  दिल्ली-एनसीआर में मॉनसून के बाद प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ गया है। बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गहरी चिंता जताई है और एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) पर सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कमीशन के कामकाज को अपर्याप्त बताया और बेहतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर 2024 को होगी।

    पराली जलाने से फिर बढ़ेगा प्रदूषण

    इस बीच, पंजाब और हरियाणा के किसानों ने एक बार फिर पराली जलाना शुरू कर दिया है। इससे पहले कि प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो, किसानों को पराली जलाने से रोकना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस अभय एस ओक और ऑगस्टिन मसीह शामिल हैं, ने कमीशन से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि किसानों को पराली नष्ट करने के लिए दी गई मशीनों का सही तरीके से इस्तेमाल हो।

    कमीशन से मांगा बैठकों का विवरण

    कोर्ट ने कमीशन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए उसकी बैठकों का पूरा ब्यौरा मांगा है। जानकारी के अनुसार, कमीशन की सब-कमिटी की बैठक साल में सिर्फ 4 बार होती है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि CAQM एक्ट की धारा 14 के तहत कमीशन को प्रदूषण करने वालों पर सख्त कार्रवाई का अधिकार है, लेकिन कमीशन ने 2021 में अपने गठन के बाद से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

    सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

    सुनवाई के दौरान जस्टिस अभय एस ओक ने कहा, “अधिनियम का पूरी तरह से अनुपालन नहीं किया गया है। कृपया हमें दिखाएं कि अधिनियम के तहत किसी भी हितधारक को कोई निर्देश जारी किया गया हो।” उन्होंने यह भी पूछा कि इस समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम उठाए गए हैं या नहीं।

    हलफनामा पर अदालत की प्रतिक्रिया

    केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने एक हलफनामा पेश किया, जिसमें संकट से निपटने के लिए सलाह और दिशा-निर्देश जारी करने की जानकारी दी गई। हालांकि, अदालत इस हलफनामे से संतुष्ट नहीं हुई। जस्टिस अभय एस ओक ने कहा, “यह सब सिर्फ हवा में है, एनसीआर राज्यों में क्या ठोस कदम उठाए गए हैं, इसके बारे में कुछ नहीं दिखाया गया है।”

    इस मामले की सुनवाई 3 अक्टूबर 2024 को होगी, जिसमें कमीशन को और अधिक स्पष्ट और ठोस जवाब देने होंगे।

    4o

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox