
बीजिंग/- चीन में हाल ही में शी जिनपिंग का तख्ता पलट होने की अफवाहों के बीच सीपीसी ने जिनपिंग की विरासत को प्रचारित करने का अभियान तेज कर दिया है। दरअसल चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की 20वीं कांग्रेस (महाधिवेशन) शुरू होने वाला है जिसके ठीक पहले चीन में कम्युनिस्ट विचारधारा के विकास में शी के खास योगदान को शी जिनपिंग थॉट के नाम प्रचारित किया जा रहा है। पर्यवेक्षकों के मुताबिक वैसे तो इस विचार को प्रसारित करने का काम पिछले कई वर्षों से चल रहा है, लेकिन हाल के हफ्तों में इसमें खासी तेजी देखी गई है। हफ्ते भर चलने वाली 20वीं कांग्रेस की शुरुआत अगले रविवार- 16 अक्तूबर को होगी।
शी जिनपिंग ने कुछ समय पहले पार्टी सदस्यों से अपने ‘एतिहासिक उद्देश्यों’ पर ध्यान देने और भविष्य के ‘महान संघर्षों’ के लिए तैयार रहने का आह्वान किया था। पार्टी कांग्रेस से पहले इन दो बिंदुओं पर शी के विचारों को फैलाने की खास मुहिम चलाई गई है। जानकारों के मुताबिक इन दो विचार बिंदुओं का सबसे उल्लेख शी ने सीपीसी की वैचारिक पत्रिका चिउशी में लिखे एक लेख में किया था। तब उन्होंने कहा था कि सीपीसी को वैश्विक समाजवाद का ध्वजवाहक बनना चाहिए। इसके लिए उसे अपनी ‘क्रांतिकारी भावना’ को मजबूत करना होगा।
हांग कांग के अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक शी के विचारों के प्रचार की खास मुहिम चलाने के पीछे मकसद यह संदेश देना है कि अब पार्टी और देश के अंदर शी की हैसियत सर्वोच्च नेता की है। पर्यवेक्षकों ने इस ओर ध्यान खींचा है कि हाल में शी का तख्ता पलट होने की फैली चर्चा के बाद सीपीसी ने इस प्रचार अभियान में ज्यादा ताकत झोंक दी है। शी के महत्त्व पर जोर डालते हुए सीपीसी के विचारक ही यितिंग ने पार्टी की आधिकारिक पत्रिका स्टडी टाइम्स में छपे एक लेख में कहा है कि सीपीसी को ‘विशाल रणनीति’ बनानी होगी और नेतृत्व को उथल-पुथल भरे इस समय में दिशा निर्देशन करना होगा।
बीते एक अक्तूबर को चीन के राष्ट्रीय दिवस के मौके पर सीपीसी के अखबार पीपुल्स डेली ने शी के महत्त्व पर रोशनी डालते हुए एक संपादकीय लिखा। इसमें कहा गया कि शी के नेतृत्व में सीपीसी ने 2049 तक चीन को अग्रणी वैश्विक शक्ति बनाने का लक्ष्य तय किया है। अब 20वीं कांग्रेस के सामने चुनौती यह है कि वह इस लक्ष्य को हासिल करने की योजना बनाए।
शी इस साल जून में 69 साल के हो चुके हैं। इस बात की पूरी संभावना है कि 20वीं कांग्रेस के दौरान उन्हें तीसरे कार्यकाल के लिए सीपीसी का महासचिव और देश का राष्ट्रपति चुना जाएगा। विश्लेषकों ने कहा है कि अभी शी को केंद्र में रख कर सीपीसी ने जो प्रचार अभियान छेड़ा है, उसके पार्टी कांग्रेस खत्म होने के बाद भी जारी रहने की संभावना है। शी को कम्युनिस्ट चीन के संस्थापक माओ जेदुंग जैसी हैसियत प्रदान करने लिए यह आवश्यक होगा।
लेकिन टीकाकारों की राय में शी को यह दर्जा मिल सकेगा या नहीं, यह काफी कुछ आने वाले वर्षों में आर्थिक मोर्चे पर चीन के प्रदर्शन से तय होगा। चीन में स्थानीय अधिकारियों को आर्थिक वृद्धि दर बढ़ाने का लक्ष्य दिया गया है। लेकिन जीरो कोविड की नीति भी जारी रखी गई है, जिसके तहत कोरोना संक्रमण का एक भी मामला सामने आने पर लॉकडाउन लागू कर दिया जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस नीति के साथ आर्थिक विकास को बढ़ाना एक कठिन चुनौती है।
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