• DENTOTO
  • कोरोना काल में कालाबाजारी और जमाखोरी पर सख्त हुई हाईकोर्ट

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    May 2025
    M T W T F S S
     1234
    567891011
    12131415161718
    19202122232425
    262728293031  
    May 18, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    कोरोना काल में कालाबाजारी और जमाखोरी पर सख्त हुई हाईकोर्ट

    -कहा- कालाबाजारी व जमाखोरी में पकड़े गए आरोपियों को नहीं मिलेगा अंतरिम जमानत का लाभ -कोर्ट ने कैदियों की पैरोल व जमानत पर भी दिये दिषा-निर्देष
    NM New High Court

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कोरोना महामारी के मद्देनजर कैदियों को मिल रही अंतरिम जमानत व पैरोल का लाभ उन आरोपियों को नहीं मिलेगा जो ऑक्सीजन सिलिंडर, दवा, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व दूसरी जरूरी सामानों की कालाबाजारी व जमाखोरी में गिरफ्तार किए गए हैं। यह फैसला इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित हाईकोर्ट की हाई पावर कमेटी ने किया है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी की अगुवाई वाली कमेटी ने ये भी फैसला किया है कि ये लाभ उन कैदियों को भी नहीं मिलेगा जिन्होंने पिछली बार अंतरिम जमानत अथवा पैरोल मिलने पर समय से सरेंडर नहीं किया। हालांकि कमेटी ने कैदियों की दो श्रेणियों को राहत देने के लिए शामिल किया है। पहले ऐसे कैदी जो हत्या के मामले में आरोपी हैं और दो साल से जेल में है लेकिन किसी अन्य मामले में शामिल नहीं हैं। दूसरी ऐसी महिला कैदी जो गर्भवती है या उनके बच्चे उनके साथ जेल में हैं।
                 वहीं कमेटी ने ये स्पष्ट कर दिया कि जो कैदी कमेटी की सिफारिश के अनुसार अंतरिम जमानत के हकदार है लेकिन अगर उनके खिलाफ तीन या उससे अधिक केस हैं तो वे भी इस राहत के हकदार नहीं होंगे। कमेटी ने कहा कि पिछले साल अंतरिम जमानत पाने वाले वो 1133 कैदी जिन्होंने तय समय पर सरेंडर किया, उन्हें इस बार 90 दिन के लिए अंतरिम जमानत दी जाएगी। इसके लिए उन्हें पिछले साल के बराबर ही जमानत राशि देनी होगी। कमेटी ने 11 मई को आयोजित बैठक में फैसला किया कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि जिन दोषियों को पहले आपात पैरोल दी गई थी उन्हें इस बार 90 दिन की पैरोल दी जाए। इसके मद्देनजर कमेटी ने ऐसे कैदियों को 90 दिन की आपात पैरोल पर छोड़ने का निर्देश दिल्ली सरकार के अधिकारियों को दिया है। हालांकि इससे पहले इन्हें आठ सप्ताह की पैरोल पर छोड़ने का आदेश दिया गया था। हालांकि कमेटी ने ये भी साफ कर दिया कि कोई भी विचाराधीन या दोषी कैदी जो इस राहत का लाभ नहीं लेना चाहता उसे जबरन रिहा न किया जाए। ये कमेटी न्यायमूर्ति विपिन सांघी की अध्यक्षता में अंतरिम जमानत पाने के हकदार कैदियों की श्रेणी पर विचार कर रही है।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox