नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- गौतम बुद्ध नगर, ग्रेटर नोएडा की रहने वाली कीर्ति चौधरी ने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग से की थी, लेकिन आज वे अभिनय की दुनिया में एक सशक्त पहचान बना रही हैं। कीर्ति ने न सिर्फ मॉडलिंग के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई, बल्कि अभिनय की दुनिया में भी अपने टैलेंट और समर्पण से कई यादगार भूमिकाएं निभाई हैं। उनकी अद्भुत यात्रा, जो मॉडलिंग से शुरू होकर द्वारका श्री रामलीला के मंच तक पहुँची, प्रेरणादायक और उत्साहवर्धक है।
मॉडलिंग में शुरुआत
कीर्ति चौधरी ने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग के क्षेत्र में की, जहां उन्होंने कई प्रतिष्ठित ब्रांड्स के साथ काम किया। बेंगलुरु के ज्वेलर्स के लिए की गई मॉडलिंग ने उन्हें काफी पहचान दिलाई। इसके साथ ही, कीर्ति ने विभिन्न एजेंसियों के लिए भी मॉडलिंग की है, जिससे उन्हें फैशन और विज्ञापन की दुनिया में एक अलग मुकाम मिला। उनका आत्मविश्वास, प्रोफेशनलिज़्म और उनकी प्रतिभा ने उन्हें इस क्षेत्र में न केवल एक पहचान दी, बल्कि उन्हें नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
अभिनय में कदम
मॉडलिंग के बाद, कीर्ति चौधरी ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। उन्होंने साउथ फिल्मों में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं, जिनमें से एक थी आईपीएस अधिकारी की भूमिका। उनकी यह भूमिका न केवल चुनौतीपूर्ण थी, बल्कि इसके जरिए उन्होंने अपनी अभिनय क्षमता को भी साबित किया। कीर्ति के अभिनय की प्रशंसा की गई और उन्हें सिनेमा जगत में एक उभरती हुई प्रतिभा के रूप में देखा जाने लगा। साउथ इंडस्ट्री में अपने काम से कीर्ति ने यह साबित किया कि वे किसी भी चुनौतीपूर्ण भूमिका को आत्मविश्वास और कुशलता के साथ निभा सकती हैं।
द्वारका श्री रामलीला में सीता माता की भूमिका
हाल ही में कीर्ति चौधरी को द्वारका सेक्टर 10, दिल्ली में आयोजित श्री रामलीला सोसाइटी की रामलीला में सीता माता की भूमिका निभाने का अवसर मिला है। यह रामलीला पूरे देश में अपनी भव्यता और परंपरा के लिए जानी जाती है और इसे देश की नंबर एक रामलीला के रूप में मान्यता प्राप्त है। इस मंच पर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी भी दो बार आ चुके हैं, जिससे इस रामलीला की प्रतिष्ठा और भी बढ़ गई है।
सीता माता का किरदार निभाना किसी भी कलाकार के लिए एक बड़े सम्मान और जिम्मेदारी की बात होती है। यह भूमिका केवल अभिनय तक सीमित नहीं होती, बल्कि इसमें मर्यादा, समर्पण, और संस्कारों का अद्भुत समन्वय होता है। कीर्ति चौधरी इस महान भूमिका को निभाने के लिए बहुत उत्साहित हैं। वे मानती हैं कि यह उनके जीवन का एक बेहद खास अनुभव है, जिसमें उन्हें सीता माता की चरित्र की गहराई को समझने और उसे सजीव करने का अवसर मिला है।
सीता की भूमिका का महत्व
श्री रामायण के आदर्श चरित्रों में से एक, सीता माता त्याग, धैर्य, और शक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं। उनकी भूमिका निभाना न केवल एक बड़ी जिम्मेदारी है, बल्कि एक कलाकार के लिए गहरे आत्म-अन्वेषण का मौका भी है। कीर्ति ने अपने अनुभव के बारे में कहा, “सीता माता का किरदार निभाना मेरे लिए गर्व की बात है। यह सिर्फ एक किरदार नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के आदर्शों को जीवंत करने का प्रयास है। इस भूमिका ने मुझे आध्यात्मिक रूप से भी बहुत प्रेरित किया है।”
भविष्य की योजनाएँ
मॉडलिंग और अभिनय में पहले से ही अपने कौशल का प्रदर्शन कर चुकी कीर्ति चौधरी अब अपनी अभिनय यात्रा को और आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने साउथ की फिल्मों में अपने अभिनय से एक खास पहचान बनाई है, और वे आगे भी चुनौतीपूर्ण और प्रभावशाली भूमिकाओं में नजर आने की इच्छा रखती हैं। कीर्ति का मानना है कि अभिनय सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि एक कला है, जिसके माध्यम से वे समाज में सकारात्मक संदेश दे सकती हैं।
निष्कर्ष
कीर्ति चौधरी का सफर एक अद्भुत प्रेरणा है, जो यह साबित करता है कि अगर आप में कुछ करने का जुनून और समर्पण है, तो आप किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकते हैं। मॉडलिंग से लेकर अभिनय तक की उनकी यात्रा एक उदाहरण है कि कैसे मेहनत और आत्मविश्वास से नए मुकाम हासिल किए जा सकते हैं। द्वारका श्री रामलीला में सीता माता की भूमिका निभाकर उन्होंने अपनी प्रतिभा का एक नया आयाम प्रस्तुत किया है। अब, उनका भविष्य और भी उज्जवल दिखता है, और उन्हें उम्मीद है कि वे अपने अभिनय के जरिए समाज को और भी प्रेरित करती रहेंगी।
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