ऑपरेशन CY-HAWK 2.0 के तहत फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़

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December 22, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

-लोन और बीमा के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह पकड़ा गया

नई दिल्ली/उमा सक्सेना/-    दिल्ली पुलिस की साइबर नॉर्थ टीम ने ऑपरेशन CY-HAWK 2.0 के तहत बड़ी सफलता हासिल करते हुए लोन और इंश्योरेंस के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले एक फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया है। इस गिरोह पर ऑनलाइन इंस्टेंट लोन देने का झांसा देकर लोगों से पैसे ऐंठने का आरोप है। पुलिस ने इस मामले में सरगना हिमांशु कुमार और उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि परिवार के अन्य तीन सदस्यों को भी हिरासत में लिया गया है।

ऑनलाइन लोन के नाम पर 36 हजार रुपये की ठगी
यह मामला 3 सितंबर 2025 को सामने आया, जब सदर बाजार निवासी मोहम्मद शुएब ने NCRP पोर्टल के जरिए शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, उन्हें एक व्हाट्सऐप कॉल के जरिए इंस्टेंट लोन की पेशकश की गई। फाइल प्रोसेसिंग फीस, अनसिक्योर्ड लोन चार्ज और स्टांप ड्यूटी के नाम पर अलग-अलग किश्तों में उनसे कुल 36,050 रुपये वसूल लिए गए। बाद में लोन न मिलने पर पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ।

तकनीकी जांच से खुली साजिश की परतें
शिकायत दर्ज होने के बाद PS Cyber North की टीम ने कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR), IMEI डेटा, बैंक ट्रांजैक्शन और सोशल मीडिया गतिविधियों का गहन विश्लेषण किया। जांच के दौरान ठगी की रकम हिमांशु कुमार के बैंक खाते में ट्रांसफर होने की पुष्टि हुई। तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने संगम विहार इलाके में दबिश दी।

संगम विहार में चल रहा था फर्जी कॉल सेंटर
पुलिस जांच में सामने आया कि “Suraash Associates Private Limited” नाम से एक फर्जी कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा था, जहां से लोगों को लोन और बीमा सेवाओं का झांसा दिया जाता था। कॉल सेंटर का संचालन हिमांशु कुमार कर रहा था, जिसमें उसके पिता सुरेश कुमार और भाई-बहन भी सक्रिय रूप से शामिल थे। सुरेश कुमार कंपनी में डायरेक्टर के तौर पर दर्ज थे।

छापेमारी में भारी मात्रा में डिजिटल सामान बरामद
कॉल सेंटर पर की गई छापेमारी के दौरान पुलिस ने 8 मोबाइल फोन, 2 लैंडलाइन फोन, 10 लैपटॉप, वाई-फाई राउटर, 4 चेकबुक, कॉल सेंटर के अकाउंट रजिस्टर और कर्मचारियों के आईडी कार्ड बरामद किए। ये सभी सामान ठगी के नेटवर्क को संचालित करने में इस्तेमाल किए जा रहे थे।

परिवार के जरिए चलाया जा रहा था ठगी का नेटवर्क
पूछताछ में खुलासा हुआ कि हिमांशु कुमार वर्ष 2022 से यह फर्जी कॉल सेंटर चला रहा था। वह खुद ब्रांच मैनेजर की भूमिका निभाता था, जबकि उसके भाई मोहित और रोहित तथा बहन मधु रानी कॉल सेंटर के संचालन में सहयोग करते थे। हिमांशु अपने पिता को हर महीने 25 से 30 हजार रुपये कमीशन के तौर पर देता था।

लगातार दबिश के बाद सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में
पुलिस के लगातार दबाव और छापेमारी के चलते पहले तीन आरोपी परिवारजन पुलिस के सामने पेश हुए। इसके बाद गिरोह का सरगना हिमांशु कुमार भी 16 दिसंबर 2025 को PS Cyber North पहुंचा, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

फिलहाल पुलिस इस नेटवर्क से जुड़े अन्य मामलों और पीड़ितों की जानकारी जुटा रही है। जांच जारी है और आने वाले दिनों में और खुलासे होने की संभावना है।

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