अनीशा चौहान/- अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक ऐलान ने कनाडा और मैक्सिको को सकते में डाल दिया है। ट्रंप ने घोषणा की है कि जनवरी में राष्ट्रपति पद संभालते ही वह उन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करेंगे, जिसके तहत मेक्सिको और कनाडा से आने वाले सभी सामानों पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया जाएगा। ट्रंप ने यह भी कहा कि यह शुल्क तब तक जारी रहेगा जब तक इन दोनों देशों के साथ सीमा पर अवैध अप्रवासियों और फेंटेनाइल दवाओं का प्रवाह बंद नहीं होता।
अवैध प्रवासियों को लेकर ट्रंप का कड़ा रुख
ट्रंप ने अपने चुनावी अभियानों के दौरान हमेशा अवैध प्रवासियों का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। अमेरिका में हर साल लाखों लोग अवैध रूप से सीमा पार करते हैं, और ट्रंप का मुख्य उद्देश्य इस प्रवृत्ति को रोकना है। अमेरिकी सीमा पेट्रोलिंग टीम के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 से सितंबर 2024 के बीच, मैक्सिको की सीमा से 56,530 और कनाडा की सीमा से 23,721 लोग अवैध रूप से अमेरिका में घुसने की कोशिश कर चुके थे। ट्रंप इस मुद्दे को लेकर कनाडा और मैक्सिको की सरकारों पर दबाव बनाने के लिए आयात शुल्क बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।
जस्टिन ट्रूडो की रातों-रात अमेरिका यात्रा
ट्रंप के इस ऐलान के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की स्थिति बहुत गंभीर हो गई। वह रातों-रात अमेरिका के लिए रवाना हो गए। ट्रूडो ने इस बारे में कहा कि ट्रंप जो कहते हैं, वह करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप ने अपने चुनावी अभियानों में ग्रॉसरी कीमतों को कम करने का वादा किया था, लेकिन अब वह 25 प्रतिशत टैक्स लगाने की बात कर रहे हैं। ट्रूडो का कहना था कि ट्रंप के इस फैसले से न केवल व्यापार पर असर पड़ेगा, बल्कि यह दोनों देशों के रिश्तों को भी प्रभावित कर सकता है।
ट्रूडो और ट्रंप की मुलाकात
ट्रूडो ने फ्लोरिडा में ट्रंप से मुलाकात की, जहां दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई, इसका कोई खुलासा नहीं किया गया है। हालांकि, पिछले रिकॉर्ड को देखें तो ट्रंप और ट्रूडो के बीच रिश्ते पहले भी अच्छे नहीं रहे हैं। ट्रंप अपने “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन” के नारे को साकार करने के लिए काफी सक्रिय दिख रहे हैं, और उन्होंने शपथ लेने से पहले ही अपनी योजनाओं पर काम करना शुरू कर दिया है।
कनाडा और मैक्सिको की चिंता बढ़ी
डोनाल्ड ट्रंप के इस ऐलान से कनाडा और मैक्सिको में चिंता की लहर दौड़ गई है। दोनों देशों के नेताओं को डर है कि यदि आयात शुल्क बढ़ता है, तो इसका असर उनके देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा, खासकर व्यापार और सीमा पार उत्पादों पर। अब देखना यह है कि इन दोनों देशों के नेता इस मुद्दे पर ट्रंप से किस तरह की बातचीत करते हैं और किस प्रकार समाधान निकालते हैं।
ट्रंप की इस कड़ी नीति के कारण उत्तर अमेरिकी देशों के बीच रिश्ते और व्यापार पर गहरा असर पड़ सकता है।
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