नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कोरोना वायरस को दिल्ली में फैलने से रोकने के लिए पुलिस व प्रशासन ऐड़ी चोटी का जोर लगाये हुए है। जिसकारण लोग न केवल ज्यादातर समय अपने घरों में बीता रहे है बल्कि घर से बाहर निकलने पर सोशल डिस्टेंसिग भी बना रहे है। अब इसे पुलिस की सख्ती का असर कहे या प्रशासन के जागरूकता अभियानों का जिनके तहत जिला दखिण-पश्चिम में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का महत्व समझने लगे हैं।
कोरोना महामारी के चलते देश व्यापी लॉक डाउन व धारा-144 को देखते हुए दिल्ली में अधिकतर जगहों पर लोग घरों में ही रहना पंसद कर रहे है। वहीं जो लोग मजबूरीवश घरों से निकल भी रहे है तो वो मास्क व सेनेटाईजर की सुरक्षा के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग को भी फॉलो कर रहे हैं। इस संबंध में द्वारका पुलिस उपायुक्त अंओ अलफोंस व डीएम जिला दक्षिण-पश्चिम राहुल देव का कहना है कि जिले में लोग अपनी व अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित है और सरकार द्वारा जारी की गई गाईड लाईन का बंहतर ढंग से पालन भी कर रहे है। हालांकि कुछ जगहों पर लोग घरों से निकलकर सड़कों व गलियों में घुमते नजर भी आये लेकिन जब कुछ लोगों पर कानूनी कार्यवाही की गई तो बाकि लोग कायदे कानून के तहत चलने लगे। नजफगढ़ एसडीएम सौम्या शर्मा ने बताया कि डीएम के नेतृत्व मे पूरे जिले में होम गार्डस, सिविल डिफेंस के वालंटियर, एनजीओ के सदस्य, आरडब्लयूए के सदस्य व डिजास्टर मैनेजमैंट से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी सभी मिलकर लोगों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए विभिन्न माध्यमों से जागरूक कर रहे है। क्षेत्र में बैनर-पोस्टर के अलावा वाहनों से भी मुनादी कराई जा रही है। कालोनियों व गांवों में आंगनवाड़ी व आशा वर्कर घर-घर जाकर न केवल लोगों की जांच कर रही है बल्कि उन्हे घरों में रहने व घर से बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का महत्व समझा रहे है। वही जिला द्वारका पुलिस प्रवक्ता संजीव शर्मा ने बताया कि जिले की पुलिस हर स्थिति पर पूरी तरह से नजर रखे हुए है। जहां कहीं भी किसी गड़बड़ी की सूचना मिलती है पुलिस फोरन वहां पंहुचकर स्थिति को संभालती है। उन्होने बताया कि सरकार का मकसद लोगों को सुरक्षित रखना है जिसके लिए लॉक डाउन व धारा-144 लगाई गई है जो भी इसका उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की जायेगी। वहीं पुलिस अधिकरी व कर्मचारी लाउडस्पीकर से लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का महत्व समझा रहे है। उनका कहना है कि लोगों के लिए बिमारी से बचने का एक ही आसान व सबसे अच्छा तरीका है कि लोग अपने घरों में रहे। लेकिन अगर कोई जरूरी काम भी है तो बाहर सोशल डिस्टेंसिंग को अपना कर इस महामारी को से बचने व फैलने में अपना योगदान दे।
देखा जाये तो अब दिल्ली में लोग सोशल डिस्टेंसिंग का महत्व समझने लगे है। राशन की लाईन हो या फिर बैंक से पैसे निकालने की कार्यवाही या फिर दवाईयों के लिए हर जगह लोग लाईन मे ंलगे दिखाई देते है और इतना ही नही एक दूसरे से उचित दूरी भी बनाये दिखते हैं। हालांकि लोग अपनी व अपने परिवार की सुरक्षा के लिए नियमों पर ध्यान दे रहे है लेकिन अभी भी कुछ ऐसी जगह है जहां लोग सभी नियमों व सुरक्षा कारणों की अनदेखी करते देखे जा सकते है। या यूं कहे कि प्रशासन व पुलिस की सख्ती व जागरूकता अभियानों को धत्ता बता रहे है। फिर भी अधिकतर जगहों पर लोग सोशल डिस्टेंसिंग का न केवल महत्व समझ रहे है बल्कि उसका पूरी तरह से पालन भी कर रहे है। जिससे अधिकारियां व वालेंटियर का हौंसला ही भी बढता दिख रहा है। लोग समझने लगे है कि यह जो सख्ती है वह हमारी सुरक्षा के लिए ही है।
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