आशंकाः अफगानिस्तान में हक्कानी नेटवर्क का कब्जा, उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर को बनाया बंधक,

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

October 2024
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
October 6, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

आशंकाः अफगानिस्तान में हक्कानी नेटवर्क का कब्जा, उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर को बनाया बंधक,

-अखुंदजादा को उतारा मौत के घाट, अफगानिस्तान में गृहयुद्ध की संभावना पकड़ रही जोर

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- तालिबान के अंदर ही चल रहे सत्ता संघर्ष के बीच चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के बीच हुए खूनी संघर्ष में सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा का कत्ल कर दिया गया है। वहीं उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर को बंधक बनाकर रखा गया है।
                    बताया जा रहा है कि मुल्ला बरादर तालिबान की सरकार में अल्पसंख्यकों व गैर तालिबानी नेताओं को शामिल करना चाहता था, जिससे वह तालिबान की एक अलग छवि दुनिया के सामने पेश कर सके। हक्कानी नेटवर्क ऐसा नहीं चाहता था। इसी को लेकर दोनों के बीच संघर्ष शुरू हुआ था। तालिबान के अंदर ही चल रहे सत्ता संघर्ष के बीच चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के बीच हुए खूनी संघर्ष में सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा का कत्ल कर दिया गया है। वहीं उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर को बंधक बनाकर रखा गया है।
                    यह दावा ब्रिटेन की एक मैगजीन ने किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सत्ता के लिए हुए खूनी संघर्ष में सबसे ज्यादा नुकसान बरादर गुट को ही हुआ है। बता दें, अफगानिस्तान में सरकार गठन के साथ ही तालिबान के अंदर संघर्ष सामने आया था। बरादर गुट व हक्कानी नेटवर्क सत्ता में हिस्सेदारी को लेकर आपस में भिड़ गए थे। मैगजीन ने दावा किया है कि सितंबर में हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के बीच सरकार गठन को लेकर बैठक हुई थी। इस बैठक में दोनों गुटों के बीच बहस हो गई। इसी दौरान हक्कानी नेटवर्क का नेता खलील-उल रहमान हक्कानी मुल्ला बरादर पर मुक्के बरसाने शुरू कर दिए। इसके बाद दोनों गुटों के बीच जमकर संघर्ष हुआ और बरादर को गोली लगने की खबरें सामने आईं।
                   इस संघर्ष के बाद कई दिनों तक बरादर किसी के सामने नहीं आया। कयास लगाए जाने लगे कि गोली लगने से बरादर की मौत हो गई। इसी के बाद बरादर का एक वीडियो जारी हुआ, जिसमें उसने खुद को ठीक बताया। मैगजीन का दावा है कि उस संघर्ष के बाद हक्कानी नेटवर्क ने किसी अज्ञात जगह पर बरादर को बंधक बना रखा है और उससे वीडियो भी जबरन बनवाया गया था।
                    मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बरादर अफगानिस्तान की स्थाई सरकार में अल्पसंख्यक व गैर-तालिबानी नेताओं को भी शामिल करना चाहिता था, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस सरकार को मान्यता दे। हक्कानी नेटवर्क ऐसा नहीं चाहता था। इसी को लेकर दोनों गुटों के बीच विवाद हुआ जो खूनी संघर्ष में बदल गया। यह भी दावा किया जा रहा है कि काबुल की सत्ता पर काबिज होने को लेकर दोनों गुटों के बीच विवाद है। बरादर खेमा अपनी कूटनीति को सत्ता पर काबिज होने की वजह मानता है तो हक्कानी नेटवर्क अपने आत्मघाती रवैये को काबुल की सत्ता का श्रेय देना चाहता है।
                   तालिबान का सर्वोच्च नेता और खूंखार आतंकी हिबतुल्ला अखुंदजादा भी कई दिनों से दुनिया के सामने नहीं आया है। वैसे तो वह कभी प्रत्यक्ष रूप से दुनिया के सामने आता नहीं है, लेकिन इतने बड़े खूनी संघर्ष के बाद भी उसका कोई मैसेज न आना इस बात का संकेत देता है कि अखुंदजादा का कत्ल कर दिया गया है।
                   बता दें, हिबतुल्ला अखुंदजादा के बारे में दुनिया की खुफिया एजेंसियों को भी नहीं पता है। वह कहां रहता है और उसकी दिनचर्या क्या होती है। इसकी जानकारी बहुत ही कम लोगों के पास होती है। यहां तक कि तालिबान के कई बड़े नेताओं ने भी अबतक उसे नहीं देखा है। वह बीच-बीच में वीडियो जारी कर तालिबानी नेताओं को संदेश भेजता रहता है, लेकिन इधर कई दिनों से उसका कोई मैसेज नहीं आया है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox