नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीस) में सकारात्मकता और मानसिक कुशलता बढ़ाने के लिए सार्वजनिक उद्यम सम्मेलन के तत्वाधान में विश्व के एक सर्वाधिक श्रद्धेय आध्यात्मिक हस्ती तथा जीवन कला के संस्थापक गुरूदेव श्री श्री रवि शंकर तथा मुख्य कार्यकारियों के साथ एक इंटरैक्टिव वेबिनार का आयोजन किया।
इस आयोजन में श्री अनिल कुमार चैधरी, अध्यक्ष पीस, श्री प्रमोद अग्रवाल, सीएमडी, सीआईएल, श्री राकेश
कुमार, सीएमडी, एनएलसीएल और अध्यक्ष, गुंजाइशयडॉ. नलिन शिंघल, सीएमडी, भेल, और श्री मनोज जैन, सीएमडी, गेल ले वेबिनार में भाग लिया। वेबिनार श्री अतुल सोबती डीजी, स्कोप द्वारा होस्ट किया गया था। इस अधिवेशन का उद्देश्य अनचार्टर्ड वाॅटर के माध्यम से अग्रणी आध्यात्मिक मार्गदर्शन तथा मानसिक कल्याण की भावना थी। इंटरैक्शन की लाइव स्ट्रीमिंग को स्कोप और जीने की कला के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से देखा गया। इंटरैक्टिव सत्र के बाद 142 देशों के भक्तों के साथ वैश्विक ध्यान सत्र हुआ।
अपनी चिंतनशील शैली के साथ अपने दर्शकों तक पहुंचते हुए श्री श्री रवि शंकर कथानकों से बार-बार दोहराते रहते हैं कि संकट के इस दौर में सबसे बड़ी चुनौती सकारात्मक रहना है। उन्होंने शरीर, मन और सामंजस्य के लिए ध्यान पर बल दिया। भावनाएँ और सभी के बीच सहयोग का महत्व दिया। उन्होंने पीएसयू को सलाह दी कि देश में युवाओं की कुशलता से उन्हें पैदा किया जाए। रोजगार के अवसर, और खुद को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी होने के लिए अद्यतन करें। उन्होंने सभी को एक को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।सकारात्मकता की रीति अपनाई और इस अवसर पर झुकने के बजाए कुछ करने की कोशिश करते हैं।
इस अवसर पर श्री अतुल सोबति डीजी, उत्कृष्ट बातचीत के लिए गुरुजी को धन्यवाद देते समय, उन्होंने अर्थव्यवस्था में पीस की भूमिका को उजागर किया। उन्होंने कहा कि संकट के समय में उनके प्रयासों में यह सबसे अधिक प्रिय क्षण था दायरे की डिजिटल यात्रा में पैनल के बौद्धिक अधिकारियों ने उन व्यावहारिक सवालों से पूछा कि गुरुजी ने उन पर स्पष्ट रूप से प्रतिक्रिया दी थी। उन्होने आत्मविश्वास और दृढ़ता के साथ आगे बढ़ने को कहा और कहा कि जैसे मनुष्य द्वारा किसी भी संकट का सामना करना पड़ रहा है, तो उसे सकारत्मका व सहयोग के साथ करना चाहिए। इस अवसर पर सभी के सहयोग के मध्येनजर नई सोच व उद्यमों में जीवन कौशल की कला को लागू करने का एक प्रस्ताव भी पारित किया गया।
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