
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/चंडीगढ़/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- हरियाणा में जातिगत राजनीति एक बार फिर भाजपा पर हावी होती दिखाई दे रही है जिसके चलते हरियाणा में भाजपा आलाकमान पशोपेश मे पड़ गया है और उसने प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय हो जाने के बाद भी अचानक उसकी घोषणा रोक दी है। अब प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा का इंतजार करना होगा। यह घोषणा कब होगी, कोई नहीं जानता। लेकिन इतना जरूर है कि भाजपा आलाकमान अब अध्यक्ष पद के लिए जाट नेता के नाम को लेकर फिर से विचार करने के मूड में दिखाई दे रहा है।
भाजपा के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार अभी सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाया जा रहा है। जबकि अध्यक्ष पद को लेकर बात इतनी आगे बढ़ गई थी कि पार्टी आलाकमान ने नाम भी तय कर दिया बताया जा रहा है बस बात इसकी घोषणा मात्र की रह गई थी। सूत्रों की माने तो भाजपा आलाकमान ने केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुज्जर का नाम प्रदेश प्रधान के रूप में तय कर दिया था। और मंगलवार को इसकी घोषणा भी होनी थी। लेकिन ऐन वक्त पर भाजपा आलाकमान पर जाति विशेष का दबाव इतना बन गया कि पार्टी ने नाम की घोषणा करने से ही तौबा कर ली। और साथ ही हरियाणा भाजपा ने ट्वीट कर यह लिख दिया की अभी हरियाणा के भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति की कोई अधिकारिक सूचना हमारे पास नही है। कुछ लोग अफवाह फैला रहे है जो गलत है। हालांकि सोमवार की रात को ऐसा माहौल बन गया था कि सुबह गुज्जर के नाम की घोषणा हो जायेगी जिसे लेकर पार्टी के कुछ नेताओं व कार्यकर्ताओं ने उन्हे बधाई भी दे दी थी। और सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को लेकर कुछ पोस्ट डाले गये थे। परन्तु आज शाम आते आते गुज्जर के समर्थकों के हौंसले टूटने लगे। वही सूत्रों की माने तो इस संबंध में बीती रात को कृष्णपाल गुज्जर ने पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव से मुलाकात की। इस मुलाकात के बारे में हालांकि अधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं आई है। परन्तु समझा जाता है कि गुज्जर ने मंत्री पद भी साथ रखने की संगठन से गुजारिश की थी। परन्तु उन्होने पार्टी गाइड लाइन से बाहर जाने की किसी भी सम्भावना से इंकार कर दिया। जब बात आगे बढ़ी तो सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रीय संगठन महासचिव ने गुज्जर का सारा रिकार्ड उनके सामने रख दिया। लेकिन आज प्रदेश प्रधान के नाम की घोषणा न होने और सोशल मीडिया पर कयास लगाने को रोकने के लिए भाजपा के आईटी सैल ने पोस्ट डाली है कि हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष नियुक्ति की कोई अधिकारिक सूचना उनके पास नहीं है। कृपया अफवाहों से बचें। इस पोस्ट के बाद भी भाजपाई प्रदेश कार्यालय से निरंतर सम्पर्क बनाए हुए हैं। इस बारे में राजनैतिक सूत्र बताते हैं कि गुज्जर के नाम की घोषणा में देरी का कारण अंतिम समय में पार्टी आलाकमान पर प्रभावी लोगों ने दबाव बना दिया। आलाकमान को यह समझाने का प्रयास किया गया कि अगर किसी जाट को प्रदेश प्रधान नहीं बनाया गया तो भाजपा को संगठन के मामले में और आने वाले बरोदा के उप चुनाव में भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए आलाकमान को अपने निर्णय पर दौबारा गम्भीरता से विचार करना चाहिए। भाजपा के उच्च स्तरीय सूत्र भी इस सम्भावना से इंकार नहीं कर रहे हैं। क्योकि दो विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत में जाट मतदाताओ की निर्णायक भूमिका रही है। अब भाजपा आलाकमान के सामने यह यक्ष प्रश्र आन खड़ा हो गया है कि भाजपा जातिगत दबाव माने या फिर चुनावों का आकलन कर राजनीतिक लाभ-हानि पर विचार करें। भाजपाई सूत्र बताते हैं कि प्रदेश प्रधान के नाम की घोषणा अभी एक सप्ताह तक सम्भव है न हो पाएगी। पर इतना अवश्य माना जा रहा है कि भाजपा आलाकमान अब दबाव में आ चुका है जबकि मुख्यमंत्री अपनी पंसद का ही अध्यक्ष चाहते है जिसकारण भाजपा आलाकमान काफी पशोपेश में दिखाई दे रहा है। अब देखना यह है यह कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कोैन बनता है।
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