नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- चीन से सीमाओं पर लगातार चल रही तनातनी के बीच पूर्वी लद्दाख में भारत ने अपाचे के बाद स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर एलसीएच को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात किया है। शुरूआत में दो लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर्स को एलएसी पर तैनात किया गया है। हालांकि एलसीएच हेलीकॉप्टर्स को अभी तक वायुसेना में विधिवत तरीके से शामिल नहीं किया गया है, लेकिन उन्हें लद्दाख में एयर-स्पेस की सुरक्षा में लगा दिया गया है।
देश के पहले स्वदेशी अटैक हेलीकॉप्टर, एलसीएच (लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर) को हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने तैयार किया है। एचएएल ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि “सरहद पर चल रहे मौजूदा हालत के मद्देनजर, दो एलसीएच हेलीकॉप्टर्स को लेह सेक्टर के हाई-आल्टिट्यूड इलाकों में भारतीय वायुसेना के मिशन्स की मदद के लिए तैनात किया गया है।”
यहां बता दें कि लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर्स की तैनाती, हाल ही में सह-वायुसेना प्रमुख (एयर वाइस चीफ) एयर मार्शल एच एस अरोड़ा द्वारा एक ऐसे ही एलसीएच हेलीकॉप्टर के हाई आल्टिट्यूड लोकेशन से टेक-ऑफ कर फॉरवर्ड एरिया में अटैक करने की ‘सिम्युलेट’ करने के बाद किया गया है। रक्षा मंत्रालय ने कुछ समय पहले वायुसेना और थलसेना के लिए 15 एलसीएच हेलीकॉप्टर्स की मंजूरी दी थी. इसके लिए आरएफपी यानि रिक्यूसेट फॉर प्रोपोजल भी जारी कर दिया गया था। माना जा रहा है कि जल्द ही रक्षा मंत्रालय इन 15 हेलीकॉप्टर्स के सौदे को मंजूरी दे सकता है।
फिलहाल, पूर्वी लद्दाख में अमेरिकी से लिए अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर्स को भी तैनात किया गया है. लेकिन एलसीएच को लद्दाख में तैनात कर भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तो कदम उठा ही रहा है। साथ ही सरहदों की रक्षा स्वदेशी हथियारों और हेलीकॉप्टर्स से करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। रविवार को रक्षा मंत्रालय ने 101 आईटम्स की एक निगेटिव लिस्ट जारी की थी जिनके आयात पर बैन लगा दिया गया है। लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर भी इस निगेटिव लिस्ट में शामिल है।
लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर की कुछ खास विशेषताऐं जो इसे सबसे अलग बनाती है-
- लाइट कॉम्बेट हेलीकॉप्टर यानि एलसीएच हेलीकॉप्टर का वजन करीब 6 टन है, जिसके चलते ये बेहद हल्का है जबकि अपाचे का वजन करीब 10 टन है। वजन कम होने के चलते ये हाई ऑल्टिट्यूड एरिया में भी अपनी मिसाइल और दूसरे हथियारों से लैस होकर टैकऑफ और लैंडिंग कर सकता है।
- एलसीएच अटैक हेलीकॉप्टर में फ्रांस से खास तौर से ली गईं श्मिस्ट्रलश् एयर टू एयर यानि हवा से हवा में मार करने वाले मिसाइल और हवा से जमीन पर मार करने वाले मिसाइल लग सकती हैं।
- एलसीएच में 70 एमएम के 12-12 रॉकेट के दो पॉड लगे हुए हैं
- इसके अलावा एलसीएच की नोज यानि फ्रंट में एक 20 एमएम की गन लगी हुई है जो 110 डिग्री में किसी भी दिशा में घूम सकती है.
- पायलट के हेलमेट पर ही कॉकपिट के सभी फीचर्स डिसप्ले हो जाते हैं।
एचएएल के अधिकारियों के मुताबिक, एलसीएच में इस तरह के स्टेल्थ फीचर्स हैं कि ये आसानी से दुश्मन की रडार में पकड़ नहीं आएग।. दुश्मन हेलीकॉप्टर या फाइटर जेट ने अगर एलसीएच पर अपनी मिसाइल लॉक की तो ये उसे चकमा भी दे सकता है। इसकी बॉडी आर्मर्ड है जिससे उसपर फायरिंग का कोई खास असर नहीं होग।. यहां तक की रोटर्स यानि पंखों पर गोली का भी असर नहीं होगा। जल्द ही इसमें एंटी टैंक गाईडेड मिसाइल भी लगने वाली है। भारतीय वायुसेना के लिए पूरी तरह से तैयार करने से पहले इन स्वदेशी एलसीएच हेलीकॉप्टर्स का ट्रायल सियाचिन ग्लेशियर से लेकर राजस्थान के रेगिस्तान तक हो चुका है। इस दौरान एलसीएच में पर्याप्त मात्रा में फ्यूल से लेकर उसके हथियार भी लगे हुए थें। एचएएल के सीएमडी आर. माधवन के मुताबिक, एलसीएच दुनिया के सबसे हल्के अटैक हेलीकॉप्टर में से एक है जो सेनाओं की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है… आत्मनिर्भर भारत के लिए एचएल पूरी तरह से समर्पित है।
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