नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- विश्व के कई देशों में अव्यवस्था, गरीबी, और अस्वच्छता के कारण कई बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है। कोरोना के बाद, अब एक नई और गंभीर बीमारी एमपॉक्स ने चिंता बढ़ा दी है। पिछले साल अफ्रीका में पहली बार पाए गए इस संक्रमण का नया मामला अब स्वीडन में भी सामने आया है, जिससे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की नींद उड़ गई है। यह दूसरी बार है जब WHO ने इस बीमारी को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है।
स्वीडन में संक्रमित व्यक्ति अफ्रीका के एक हिस्से से आया था, जहां एमपॉक्स बड़े पैमाने पर फैला हुआ है। इस साल अब तक पूरे अफ्रीकी महाद्वीप में 17,000 से अधिक एमपॉक्स के मरीज रिपोर्ट किए जा चुके हैं। स्वीडिश पब्लिक हेल्थ एजेंसी के महानिदेशक ओलिविया विगज़ेल ने इस संक्रमण की पुष्टि की है, और संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक ने भी एमपॉक्स को “पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कन्सर्न” बताया है।
एमपॉक्स क्या है?
एमपॉक्स में चेचक जैसे लक्षण होते हैं, जिसमें बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, और विशेष प्रकार के दाने शामिल हैं जो अक्सर चेहरे से शुरू होकर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं। यह वायरस संक्रमित जानवरों, शारीरिक तरल पदार्थ, या दूषित पदार्थों के सीधे संपर्क से फैलता है। इसके अलावा, यह सांस की बूंदों या छूने से भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। एमपॉक्स के लक्षण 2 से 4 सप्ताह तक रह सकते हैं और यह आमतौर पर हल्का होता है, लेकिन दुर्लभ मामलों में यह घातक भी हो सकता है।
स्वास्थ्य संगठन इस वायरस के अफ्रीका और संभवतः अन्य महाद्वीपों में फैलने की संभावना के बारे में चेतावनी दे रहे हैं, और इसके नियंत्रण के लिए एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं।


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