नई दिल्ली/उमा सक्सेना/- दिल्ली से शुरू हुई बागेश्वर धाम सरकार की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा आज अपने सातवें दिन में पहुँच चुकी है।
यह यात्रा 7 नवंबर 2025 को छत्तरपुर स्थित अद्धया कात्यायनी मंदिर से बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की अगुवाई में शुरू हुई थी।
यात्रा का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म में एकता, सद्भावना और सामाजिक जागरूकता को फैलाना बताया गया है।
बाबा बागेश्वर के नेतृत्व में निकली इस यात्रा में हजारों श्रद्धालु हर दिन भाग ले रहे हैं,
जो भक्ति भाव से “जय श्री राम” और “जय बागेश्वर धाम सरकार” के नारों के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
हर दिन करीब 15 किलोमीटर का पैदल सफर
इस भव्य पदयात्रा के तहत प्रतिदिन लगभग 15 किलोमीटर की दूरी तय की जा रही है।
अब तक यात्रा ने दिल्ली और हरियाणा के कई प्रमुख क्षेत्रों को पार कर लिया है।
रास्ते में जगह-जगह भक्तों ने स्वागत द्वार बनाकर फूल-मालाओं से बाबा बागेश्वर धाम सरकार का स्वागत किया।
सड़कों पर भगवा झंडों की लहर और भक्ति गीतों की ध्वनि ने माहौल को पूरी तरह आध्यात्मिक बना दिया।
यात्रा के साथ चल रहे भक्तों का कहना है कि यह केवल एक धार्मिक अभियान नहीं, बल्कि “सनातन संस्कृति की पुनःस्थापना” का संकल्प है।
सातवें दिन यात्रा की स्थिति और रुकने का स्थान
सातवें दिन यह पदयात्रा अब हरियाणा से आगे बढ़ते हुए मथुरा-वृंदावन मार्ग की ओर अग्रसर है।
यात्रा के दौरान सुरक्षा के सख्त इंतज़ाम किए गए हैं।
पुलिस प्रशासन ने ट्रैफिक कंट्रोल के लिए कई स्थानों पर डायवर्जन जारी किए हैं,
ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
हालांकि, आज के विश्राम स्थल की आधिकारिक जानकारी अभी तक साझा नहीं की गई है,
लेकिन सूत्रों के अनुसार, यात्रा का पड़ाव आज वृंदावन के नजदीकी इलाके में रहेगा,
जहाँ शाम को भजन संध्या और हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ आयोजित किया जा सकता है।
श्रद्धा, सुरक्षा और सामाजिक संदेश का संगम
यात्रा में बुज़ुर्गों से लेकर युवा और महिलाएँ तक बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।
सड़कों पर भक्तों की भीड़ देखते ही बनती है।
भक्तों के अनुसार यह यात्रा सनातन की शक्ति, संस्कृति और सामाजिक एकता का सजीव उदाहरण है।
प्रशासन ने यात्रा की सुरक्षा के लिए विशेष पुलिस बल, मेडिकल टीमें और आपात सेवाएँ तैनात की हैं।
बाबा बागेश्वर धाम सरकार ने संदेश दिया है कि यह यात्रा केवल भक्ति नहीं,
बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो धर्म और राष्ट्र के लिए समर्पित है।
आस्था का उत्सव और सनातन का संकल्प
इस यात्रा ने पूरे उत्तर भारत में धार्मिक उत्साह और भक्ति का माहौल बना दिया है।
बाबा बागेश्वर धाम सरकार के प्रवचनों और प्रेरणादायक संदेशों ने समाज को एक नई दिशा देने का कार्य किया है।
भक्तों का कहना है कि वृंदावन में इस यात्रा का समापन बेहद भव्य रूप में किया जाएगा।
यह यात्रा न सिर्फ धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक पहचान और सनातन परंपरा की एक जीवंत झलक है।


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