नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/कोलकाता/शिव कुमार यादव/- पश्चिमी बंगाल में एक बार फिर गवर्नर व सीएम आमने-सामने आ गये हैं। इसबार बंगाल सरकार ने गवर्नर की शक्तियां कम करने की चाल चली है। कुलाधिपति के रूप में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ की छुट्टी जल्द हो जाएगी। इसके लिए आज बंगाल कैबिनेट ने राज्य सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में सीएम ममता बनर्जी को नियुक्त करने के लिए निर्णय पारित किया है। बंगाल सरकार के इस कदम के बाद अब राज्यपाल जगदीप धनखड़ का कुलाधिपति के पद से हटना तय है। हालांकि, अभी इस निर्णय को विधानसभा में पारित करवाना बाकी है।
पश्चिम बंगाल सरकार राज्यपाल जगदीप धनखड़ को राज्य के निजी विश्वविद्यालयों में ’अतिथि’ या ’विजिटर’ के तौर पर हटाने के लिए कानून में संशोधन करने की तैयारी कर रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार की योजना इस पद पर राज्य के शिक्षा मंत्री को नियुक्त करने की है।
बंगाल में सीएम ममता और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच विवाद नया नहीं है। कई मुद्दों पर दोनों के बीच तनातनी की स्थिति बनी हुई है। ममता राज्यपाल पर सीधे केंद्र के आदेश थोपने का आरोप लगाती हैं। वहीं, राज्यपाल कहते हैं कि वह जो भी कार्य करते हैं वह संविधान के मुताबिक होता है। चाहे बात विधानसभा का सत्र बुलाने की हो या किसी नए विधायक को शपथ दिलाने की, बंगाल में तकरीबन हर मामले पर सियासी विवाद पैदा हो जाता है। चुनाव बाद राज्य में में हुई हिंसा को लेकर भी सीएम और राज्यपाल में टकराव हुआ था।


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