
नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- दिल्ली के साउथ-ईस्ट इलाकें की निजामुद्दीन बस्ती में सेक्शुअल हैरेसमेंट से तंग आकर नाबालिग लड़के ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर सेक्शुअल हैरेसमेंट करने वाले युवक की हत्या कर दी। शव की पहचान न हो, इसलिए आरोपियों ने चेहरा पत्थर से कुचल दिया। फिर शव को आग लगा दी। दिल्ली पुलिस ने तीनों को पकड़ लिया है।

साउथ-ईस्ट दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर राजेश राव के मुताबिक, 23 दिसंबर को पुलिस को सड़क पर तीन संदिग्ध नाबालिग दिखे। टीम को देख वे वे डर गए। इस पर टीम ने उनसे पूछताछ की तो उन्होंने बताया- हमने एक युवक की हत्या की है। आरोपियों ने बताया कि वे निजामुद्दीन बस्ती के रहने वाले हैं। हमनें आजाद अहमद (25 साल) नाम के शख्स की हत्या की है। उसका शव खुसरो पार्क में पड़ा है।
पुलिस ने आरोपियों की बताई जगह पर पहुंची तो वहां युवक का अधजला शव पड़ा मिला। शव के पास ही खुखरी (चाकू), लाठी और पत्थर भी पड़े थे, जिन्हें आरोपियों ने हत्या में इस्तेमाल किया था। क्राइम टीम और फोरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया। सबूत इकट्ठा किए गए और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए एम्स भेज दिया गया।
डिप्टी कमिश्नर राजेश राव ने बताया कि पूछताछ में सामने आया कि आजाद ने एक आरोपी का कई बार सेक्सुअल हैरेसमेंट किया था। इसका बदला लेने के लिए नाबालिग ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर उसकी हत्या का प्लान बनाया। तीनों ने 21 दिसंबर की रात 10 बजे आजाद को पार्क में पीटा, फिर खुखरी घोंपकर हत्या कर दी।
तीनों नाबालिग शेल्टर होम भेजे गए
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि तीनों के खिलाफ हत्या संबंधी धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। उन्हें जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश करने के बाद शेल्टर होम भेज दिया गया है।
पुरुषों के सेक्शुअल हैरासमेंट पर देश में कानून सीमित
इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) की धारा 354, 509 और 376 सेक्सुअल हैरेसमेंट से जुड़े हैं। लेकिन ये सारे कानून महिलाओं के साथ ईव टीजिंग, सेक्सुअल हैरेसमेंट और रेप के हैं जो पुरुषों पर लागू नहीं होते। पुरुषों के यौन उत्पीड़न से जुड़ा केवल एक ही धारा है वह है आईपीसी की धारा 377।
द्वारका कोर्ट में वरिष्ठ वकील उमेश यादव ने बताया कि कोई पुरुष किसी पुरुष के साथ अप्राकृतिक संबंध बनाए तो इसे अपराध माना जाएगा। ऐसा साबित होने पर 10 साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा हो सकती है। अगर पुरुष महिला के साथ भी ऐसा करे तो इस परिस्थिति में भी धारा 377 के तहत अपराध माना जाता है।
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