• DENTOTO
  • जिला दक्षिण-पश्चिम ने दिया सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प, चलाया जा रहा जागरूकता अभियान

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    June 2025
    M T W T F S S
     1
    2345678
    9101112131415
    16171819202122
    23242526272829
    30  
    June 6, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    जिला दक्षिण-पश्चिम ने दिया सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प, चलाया जा रहा जागरूकता अभियान

    -द्वारका के वेगस मॉल में मेला लगाकर एसयूपी के विकल्प की जानकारी दी, कई संगठनों ने अपने उत्पादों के साथ लिया मेले में भाग

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/मानसी शर्मा/- सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगी रोक के बावजूद अभी भी बाजारों में इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है। काफी संख्या में दूकानदार व ग्राहक सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे लोगों को अब प्रशासन यह बताने में जुटा है कि सिंगल यूज प्लास्टिक के क्या-क्या विकल्प हो सकते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए जिला दक्षिण-पश्चिम उपायुक्त द्वारा उपनगरी द्वारका स्थित वेगस मॉल में विकल्प मेले का आयोजन किया गया। जिसमें एसयूपी के विकल्प के साथ-साथ लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक इस्तेमाल न करने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है। वहीं प्रशासन द्वारा लगाये गये इस विकल्प मेले को देखने के लिए काफी संख्या में लोग पंहुच रहे है और थैलों की खरीददारी भी कर रहे हैं। कई संस्थाओं को थैले के निर्माण को लेकर कुछ आर्डर भी मिले बताये जा रहे हैं।


                 मेले का आयोजन 12 व 13 जुलाई को किया गया। इस मेले में कई संगठनों व संस्थाओं ने भाग लेकर अपने स्टॉल लगाये थे। इन स्टॉलों पर बताया जा रहा था कि सिंगल यूज प्लास्टिक के बदले कपड़े के बने थैले का इस्तेमाल कर हम पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं। स्टॉलों पर महिलाएं सिंगल यूज प्लास्टिक के दुष्प्रभाव से लोगों को अवगत करा रही है।
                   मेले में द्वारका प्रोग्रेसिव क्लब के एक स्टॉल पर द्वारका निवासी उर्मिला शर्मा ने बताया कि आजकल सिंगल यूज प्लास्टिक के कई विकल्प हैं। कपड़े के थैले के साथ जूट से व कागज से बने थैलों का लोग अब बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रहे हैं। कपड़े के थैले घर में अनुपयोगी परिधानों से बनाए जा सकते हैं। इसी तरह बेकार पड़े कागजों से भी थैले बनाए जा सकते हैं। उर्मिला बताती हैं कि हमारी संस्था महिलाओं को थैले बनाने का प्रशिक्षण भी दे रही है। उन्होने बताया कि वैसे तो उन्हे मेले के माध्यम से कुछ लोगों ने थैले बनाने के आर्डर भी दिये है।
                  विकल्प मेला देखने उपनगरी के विभिन्न हिस्सों से तो लोग पहुंचे ही, इसके अलावा नजफगढ़, उत्तम नगर, जनकपुरी, विकासपुरी से भी यहां काफी लोग आए। इनमें बड़ी तादाद आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों की थी। नजफगढ, रोशनपुरा, विनोबा एंक्लेव, टोडरमल कालोनी, प्रेमनगऱ आरडब्ल्यूए से भी मेंले में आये पदाधिकारियों का कहना है कि अब आरडब्ल्यूए की ओर से भी कॉलोनी के लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक के बजाय इसका विकल्प इस्तेमाल करने को प्रेरित किया जाएगा और लोगों को इस तरह के थैले बनाने के लिए कालोनी में ही काम कराया जायेगा।
                 इस मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों ने भी समय-समय पर मेले का दौरा किया और लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए जागरूक किया। इस संबंध में एसडीएम मुख्यालय मुकुल मनराय ने बताया कि सरकार ने 1 जुलाई से देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं के निर्माण, आयात, स्टॉकिंग, वितरण व बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।
                 एसयूपी के इस्तेमाल को पूरी तरह से रोकने के लिए जिला प्रशासन जगह-जगह जागरूकता अभियान भी चला रहा है। वेगस मॉल के बाद जल्दी ही सब्जी मंडियों, बाजारों, कालोनियों व गांवों में भी स्टाल के माध्यम से थैला बिक्री केंद्र स्थापित किये जायेंगे जिसमे स्वंम सहायता समुहों की मदद ली जाएगी।
                 राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के कम्यूनिटी ऑर्गनाइजर नवीन कोटिया ने बताया कि एसएचजी के सदस्यों को जिले में पर्यावरण पर एसयूपी के प्रभाव और इसके मौजूद ऑप्शनों के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद करने के लिए तैयार किया जा रहा हैं। इस मेले में लगभग 10 स्वयं सहायता समूहों ने और 2 कंपनियों ने हिसा लिया है। दिल्ली सरकार विभिन्न स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को ट्रेनिंग देगी ताकि ज़्यादा से ज्यादा लोगो को इस मुहिम में जोड़ा जा सके।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox