-दवाइयों के दाम हुए कम -2020 में लगभग 12 लाख नए पेशेंट और 9.3 लाख मौतें दर्ज की गई

नई दिल्ली/सिमरन मोरया/- भारत को विश्व की कैंसर राजधानी के रूप में भी जाना जाता है। द लैंसेट रीजनल हेल्थ साउथईस्ट एशिया जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, भारत में साल 2020 में लगभग 12 लाख नए कैंसर के मामले और 9.3 लाख मौतें दर्ज की गई। यह आंकड़ा चौंकाने वाला है क्योंकि उस वर्ष एशिया में कैंसर की बीमारी के बोझ वाला भारत दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया था। समय के साथ स्थिति अधिक दयनीय होती जा रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2025 तक यह आंकड़ा 15 लाख पार कर जाएगी। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने कैंसर के इलाज में उपयोग की जाने वाली तीन प्रमुख दवाइयों पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी घटाने का ऐलान किया है। जिसके बाद माना जा रहा है कि कैंसर की दवाइयों के दाम कम होंगे।

इन दवाओं की कम हुई कीमत
कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली तीन दवाइयों पर कस्टम ड्यूटी घटाकर सरकार ने आम लोगों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने जिन तीन दवाइयों पर कस्टम ड्यूटी घटाई है, उनमें Trastuzumab Deruxtecan, Osimertinib और Durvalumab का नाम शामिल है। Trastuzumab Deruxtecan एक एंटीबॉडी-ड्रग कंजुगेट है जिसका उपयोग मुख्य रूप से HER2-पॉजिटिव ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है। इसी तरह Osimertinib का उपयोग फेफड़ों के कैंसर (NSCLC) के इलाज के लिए किया जाता है। Durvalumab की बात करें यह एक इम्यूनोथेरेपी दवा है। यह तीनों बेहद उपयोगी दवाएं हैं।

क्यों हो रहा भारत में लोगों को कैंसर?
भारत में बढ़ते कैंसर के मरीजों की संख्या चिंताजनक है। पिछले एक दशक में कैंसर ने भारत में बड़ी तेजी से अपना पैर पसारा है। अब क्योंकि कैंसर की ट्रिटमेंट इतनी महंगी है कि कई लोग बिना इलाज के ही दुनिया से चले जाते हैं। वहीं, कई लोगों को कैंसर के बारे में तब पता चलता है, जब इलाज होना संभव नहीं होता। कैंसर के प्रति जागरूकता ना होना और कम पैसों में इलाज न मिल पाना, कैंसर का मुख्य कारण है। यही कारण है कि सरकार ने तीन दवाइयों समेत कई स्वास्थ्य से जुड़े उपकरणों के ऊपर लगने वाले टैक्स को भी कम किया है। इसका सीधा फायदा आम लोगों को सस्ती स्वास्थ्य सुविधाओं के रूप में मिलेगा।

About Post Author